भारत और फिलिस्तीन ने आपसी सहयोग बढ़ाने के तीन समझौतों पर भी हस्ताक्षर किए. यह समझौते भारत की तीन दिवसीय (10-12 सितंबर 2012) राजकीय यात्रा पर आए फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास और प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के बीच नई दिल्ली में शिष्टमंडल स्तर की बातचीत के बाद किए गए. भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा और फिलिस्तीनी मुक्ति संगठन की कार्यकारी समिति के सदस्य एमएस इराकत ने इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए. समझौते के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं.
• भारत-फिलिस्तीन सूचना और संचार तकनीकी केंद्र की स्थापना संबंधी समझौता.
• व्यावसायिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने संबंधी समझौता.
• दो स्कूलों के निर्माण से संबंधित समझौता. इसके तहत असरा-अल-शमालिया में लड़कियों के लिए जवाहर लाल नेहरू माध्यमिक स्कूल और अबुदीस में लड़कों के लिए जवाहर लाल नेहरू माध्यमिक स्कूल बनाया जायेगा. इन स्कूलों में शिक्षा संबंधी सामग्री उपलब्ध कराई जायेगी.
इसके अलावां भारत ने फिलिस्तीन को एक करोड़ डॉलर की विकास सहायता देने की घोषणा की और उसके संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण सदस्य बनने के प्रयासों का समर्थन किया. समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने के बाद एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने फिलिस्तीनियों के प्रति भारत के समर्थन को दोहराया.
भारत ने फिलिस्तीन को यूनेस्को में पूर्ण सदस्यता दिलाने के प्रयासों में सक्रिय भूमिका निभाई है. हम फिलिस्तीन की संयुक्त राष्ट्र में पूर्ण और समान साझेदारी का समर्थन करते रहेगे. भारत, फिलिस्तीन की विकास संबंधी जरूरतों का समर्थन करता रहेगा. बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने खाड़ी क्षेत्र की घटनाओं पर चर्चा की और दोनों इस बात पर सहमत थे कि इसका शान्तिपूर्ण तरीके से राजनीतिक हल ढूंढना होगा.
फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने इजरायल की बस्तियां बसाने की योजना और गजा में नागरिकों को मारे जाने पर चिन्ता व्यक्त की. उन्होंने प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह को पश्चिम एशिया शान्ति प्रक्रिया की ताजा स्थिति की जानकारी दी. साथ ही फिलिस्तीनियों के पक्ष और शान्तिपूर्ण तरीके से बातचीत के द्वारा समस्या का हल करने का समर्थन करने के लिए भारत को धन्यवाद दिया.
फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने डॉ. मनमोहन सिंह को फिलिस्तीन आने का निमंत्रण दिया.
राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में राष्ट्रपति महमूद अब्बास का औपचारिक स्वागत किया गया. उन्होंने विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के साथ भी आपसी और क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत की.
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