प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 30 मई 2015 को भारत और बांग्लादेश के बीच तटीय और समुद्री नौवहन के समझौते को मंजूरी प्रदान की.
तटीय और समुद्री नौवहन पर समझौते की सुविधाएँ
- इस समझौते से भारत और बांग्लादेश के बीच आयात-निर्यात व्यापार से माल ढुलाई के खर्च में कमी आएगी.
- इससे भारतीय तटीय जहाजों के लिए नए अवसर खुलेंगे और भारतीय बंदरगाहों की पोर्ट क्षमताओं का उपयोग भी बढ़ेगा.
- इससे भारत बांग्लादेश सीमा पर जमीनी सीमा शुल्क चौकी और एकीकृत चेक पोस्ट पर भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी.
- भारतीय बंदरगाह बांग्लांदेश कार्गो के लिए ट्रांसशिपमेंट पोर्ट के रूप में कार्य कर रहे हैं जिन्हें भारत - बांग्लादेश तटीय व्यापार के परिणाम स्वरूप अधिक लाभ होगा.
- भारत और बांग्लादेश अन्य देशों के जलपोतों के साथ भी समान बर्ताव करेंगे जैसा कि अंतर्राष्ट्रीय समुद्री परिवहन में अपने राष्ट्रीय जलपोतों के साथ करते हैं.
- भारत और बांग्लादेश के बीच जलपोत परिवहन शुरू होने से दोनों देशों के बीच आपसी व्यापार बढ़ेगा और आयात - निर्यात कार्गो की लागत कम होगी.
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