भारत तथा संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएस) ने 9 जुलाई 2015 को विदेशी खाता टैक्स अनुपालन अधिनियम (एफएटीसीए) को लागू करने हेतु अंतर-सरकारी समझौते (आईजीए) पर हस्ताक्षर किये.
यह समझौता दोनों देशों के बीच टैक्स संबंधित मामलों में पारदर्शिता को बढ़ावा देगा. इस समझौते पर भारत के राजस्व सचिव शक्तिकांत दास तथा अमेरिकी राजदूत रिचर्ड वर्मा ने नई दिल्ली में हस्ताक्षर किये. यह समझौता कर चोरी समाप्त करने के लिए बढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय सहयोग को रेखांकित करता है.
अमेरिकी एफएटीसीए एक अंतर-सरकारी समझौता है, इसके जरिए दोनों देश के बीच वित्तीय सूचनाएं आसानी से साझा की जा सकेंगी. इसके तहत भारतीय वित्तीय संस्थान अपने अमेरिकी ग्राहकों के बारे में राजस्व विभाग को सूचना देंगे जो इसे अमेरिकी अधिकारियों को उपलब्ध कराएगा. अमेरिका भी इसी तरह की वित्तीय सूचनाएं भारत को देगा.
समझौते के तहत यदि कोई वित्तीय संस्थान एफएटीसीए की शर्तों का पालन नहीं करता है तो उसे लाभांश, ब्याज, शुल्क और बिक्री सहित अमेरिका से मिलने वाले पूरे राजस्व पर 30 प्रतिशत की दर से कर जुर्माना देना होगा. इस समझौते से भारत को कालेधन की समस्या से निपटने में भी सहायता प्राप्त होगी.
विदेशी खाता टैक्स अनुपालन अधिनियम (एफएटीसीए)
विदेशी खाता टैक्स अनुपालन अधिनियम संयुक्त राज्य अमेरिका का संघीय कानून है जो वर्ष 2010 में अमेरिकी करदाताओं के दूसरे देशों में बैंक खाते तथा कर भुगतान की जानकारी प्राप्त करने के लिए बनाया गया था. यह कानून अमेरिकी खाता धारकों के बारे में जानकारी प्राप्त करने तथा अमेरिकी वित्तीय संस्थानों में कर जमा कराये जाने के लिए लाभदायक है.
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