भारत ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जैवप्रौद्योगिकी विभाग के माध्यम से यूरोपीयन मॉलेक्यूलर बायोलॉजी ऑर्गेनाइजेशन (ईएमबीओ) का सहयोगी सदस्य देश का दर्जा पाने के लिए सहयोग समझौता किया .
यह समझौता इस क्षेत्र में भारत और यूरोप के बीच वैज्ञानिक बातचीत और सहयोगात्मक अनुसंधान को मजबूत बनाएगा.
जुलाई 2015 में इंजीनियरिंग इन मेडिसिन एंड बायोलॉजी सोसायटी (ईएमबीसी) द्वारा सिंगापुर के साथ समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद भारत यूरोपीय क्षेत्र के बाहर का ऐसा दूसरा देश बन गया है.
समझौते का आधिकारिक शुभारंभ समारोह 4 फरवरी 2016 को नई दिल्ली में आयोजित किया गया था.
समझौते की मुख्य विशेषताएं
• भारत में काम करने वाले शोधकर्ता अब सभी ईएमबीओ कार्यक्रमों और गतिविधियों में हिस्सा लेने के पात्र हैं.
• भारतीय वैज्ञानिक ईएमबीओ कार्यक्रमों में आवेदन कर सकते हैं जैसे पोस्टडॉक्टोरल शोधकर्ताओं के लिए दीर्घकालिक फेलोशिप, अल्प–कालिक फेलोशिप, पाठ्यक्रम और कार्यशालाएं और इसके अलावा ईएमबीओ यंग इन्वेस्टिगेटर प्रोग्राम.
• साथ ही यूरोप को भारत के अनुसंधान समुदाय में शीर्ष– स्तर के वैज्ञानिकों से नेटवर्किंग का लाभ मिलेगा.
ईएमबीओ के बारे में
• यूरोपीयन मॉलेक्यूलर बायोलॉजी ऑर्गेनाइजेशन यूरोप में जीव वैज्ञानिकों का पेशेवर संगठन है.
• इसका उद्देश्य जीव विज्ञान में अनुसंधान को बढ़ावा देना और वैज्ञानिकों के बीच अंतरराष्ट्रीय आदान– प्रदान को सक्षम बनाना है.
• यह पाठ्यक्रमों, कार्यशालाओं एवं सम्मेलनों का आयोजन करता है. चार वैज्ञानिक पत्रिकाएं प्रकाशित करता है और व्यक्तिगत वैज्ञानिकों एवं परियोजनाओं का समर्थन करता है.
• संगठन की स्थापना 1964 में हुई थी.
• ईएमबीओ की वर्तमान निदेशक मारिया लेप्टिन हैं.
Now get latest Current Affairs on mobile, Download # 1 Current Affairs App
Comments
All Comments (0)
Join the conversation