भारत में पैदा हुई 18 लाख बच्चियों की पिछले दो दशक में हुई मृत्यु का कारण घरेलू हिंसा (उनकी मां के साथ हुई हिंसा) को बताया गया. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय प्रजनन स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान, हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ और बॉस्टन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा संयुक्त शोध में यह निष्कर्ष दिया गया. भारत में बालिका मृत्यु और उसका घरेलू हिंसा से संबंध पर यह शोध आर्कायिव्स ऑफ पेडियाट्रिक्स एंड एडोल्सेंट मेडिसिन (Archives of Pediatrics and Adolescent Medicine) के जनवरी 2011 अंक में प्रकाशित हुआ.
शोध टीम ने वर्ष 1985-2005 के बीच पैदा हुए 1.58 लाख बच्चों के सर्वे के उपरांत यह निष्कर्ष दिया कि जिस घर में मां के साथ घरेलू हिंसा होती है, उन घरों में बालिकाओं के जन्म से एक वर्ष तक और पहले पांच वर्ष तक मृत्यु का खतरा ज्यादा होता है. जबकि बालकों के साथ ऐसा नहीं पाया गया.
शोध के अनुसार जन्म के 5 वर्ष के भीतर बालिका मृत्यु का कारण है – बालिकाओं के स्वास्थ्य और पोषण पर परिवार द्वारा कम खर्च. बालिकाओं को तुच्छ नजर से देखना वहां और भी ज्यादा होता है, जहां पत्नी अपने पति द्वारा घरेलू हिंसा का शिकार होती है.
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