भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और म्यांमार के विदेश मंत्री यू वुना मौंग ल्विन की अध्यक्षता में आयोजित की गई संयुक्त सलाहकार आयोग (जेसीसी) की प्रथम बैठक के समापन पर 16 जुलाई 2015 को भारत और म्यांमार ने संयुक्त वक्तव्य जारी किए.
दूसरी संयुक्त सलाहकार आयोग (जेसीसी) की बैठक 2016 में म्यांमार में आयोजित की जाएगी.
भारत म्यांमार संयुक्त वक्तव्य की मुख्य विशेषताएं –
• दोनों देश के नेता देश की सीमा के पार लोगों की आवाजाही से सम्बंधित द्विपक्षीय समझौते पर चर्चा के लिए तैयार हुए.
• सीमा सम्बन्धी मुद्दों का समाधान करने के लिए भारत-म्यांमार संयुक्त सीमा कार्य समूह की पहली बैठक जल्दी ही नई दिल्ली में आयोजित करने का फैला लिया गया.
• दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के अधिकारी एक संयुक्त सर्वेक्षण आयोजित करेंगे जिसके अंतर्गत भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित तिवारी हो (तिजु) नदी से मलबे हटाने के लिए मिजोरम के स्थानीय अधिकारियों द्वारा किए गए प्रयासों का निरीक्षण किया जाएगा.
• बंदरगाह, बिजली, कृषि उद्योग, वन उत्पाद, खनन, निर्माण उद्योग, उपभोक्ता वस्तुओं, राजमार्गों, तेल एवं गैस, वृक्षारोपण, विनिर्माण, आतिथ्य और आईसीटी जैसे क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों द्वारा निवेश को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जाएगा.
• इंफाल-मांडले बस सेवा का ट्रायल रन को जल्द से जल्द आयोजित किया जाएगा.
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