पिछले दो दशकों से भारत में अपनायी जा रही भूमण्डलीयकरण नीतियों तथा अंतर्देशीय व्यापार को बढ़ावा देने का फल यह रहा कि भारत का विभिन्न देशों के साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार काफी बढ़ा है. इन्हीं में से एक है मध्य-पूर्व एशियाई देश इस्राइल के साथ भारत का व्यापार.
यदि भारत के विदेशी व्यापार महानिदेशालय के आकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि मध्य-पूर्व एशियाई देश इस्राइल के साथ भारत का व्यापार पिछले दो दशकों (1992-2012) में 22 गुना बढ़ा. जहां 1992 में भारत का इस्राइल के साथ व्यापार 20 करोड़ डॉलर था वहीं वर्ष 2012 में यह बढ़कर चार अरब 40 करोड़ डॉलर हो गया.
पिछले दो दशकों में दोनो देशों के बीच व्यापार के क्षेत्र मे हुए समझौतों के परिणामस्वरूप भारत का इस्राइल के साथ व्यापार उल्लेखनीय रूप से बढ़ा है. जुलाई 2013 माह में इस्राइल दूतावास द्वारा जारी आकड़ों के अनुसार वर्ष 2012-13 में भारत-इस्राइल व्यापार 6 बिलियन डॉलर के स्तर तक पहुंच गया था जबकि वर्ष 2011-12 के मध्य व्यापार 5.15 बिलियल डॉलर रहा.
भारत तथा इस्राइल के मध्य वाणिज्य तथा व्यापार को और अधिक सुदृढ़ तथा विकसित बनाने के लिए भारत के उद्योग संगठनों में से एक फिक्की के एक शिष्टमंडल को तेलअवीव जाना है. इस शिष्टमंडल की यात्रा का उद्देश्य है भारतीय उत्पादों एवं तकनीक की पहुंच को इस्राइली बजारों में और अधिक बढ़ाना और निवेश के अवसरों का पता लगाना.
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