भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO: Indian Space Research Organisation, इसरो) ने 12 मई 2012 को जीएसएलवी में उपयोग किए जाने वाले स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का सफल परीक्षण किया. इसरो द्वारा तमिलनाडु के तिरूनेलवेली जिले स्थित महेंद्रगिरि में लिक्विड प्रोपल्सन सिस्टम केंद्र में यह परीक्षण किया गया.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान के अनुसार भविष्य में बनने वाली जीएसएलवी-डी 5 के लिए स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन का परीक्षण सभी मानकों पर खरा उतरा. जीएसएलवी-डी 5 रॉकेट के क्रायोजेनिक चरण की स्वीकृति परीक्षण 200 सेकेंड की गई.
ज्ञातव्य हो कि मई, 2010 में जीएसएलवी-डी 3 में प्रयुक्त स्वदेशी क्रायोजेनिक का प्रथम उड़ान परीक्षण तकनीकी खराबी हो जाने से विफल रहा था और रॉकेट उड़ान भरने के कुछ ही मिनट बाद समुद्र में गिर गया था.
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