भारतीय मूल की दक्षिण अफ्रीकी इंजीनियर बेवर्ली सिंह को विश्व की सबसे तेज कार ‘ब्लडहाउंड’ का निर्माण करने वाले दल में शामिल किया गया. 29 वर्षीया मेकेनिकल इंजीनियर बेवर्ली सिंह द्वारा ब्रिटिश सरकार की इंजीनियरिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम ब्लडहाउंड एसएससी परियोजना में शामिल होना है.
युवाओं को इंजीनियरिंग के पेशे की तरफ आकर्षित करने और प्रोत्साहन देने हेतु ‘ब्लडहाउंड एसएससी परियोजना’ को शुरू किया गया.
ब्लडहाउंड
रॉकेट शक्ति से लैस विश्व की सबसे तेज कार वर्ष 2016 तक बनकर तैयार हो सकती है, जिसकी रफ्तार 1600 किलोमीटर प्रतिघंटा होनी है. इसकी रफ्तार मौजूदा समय की सबसे तेज रफ्तार कार से 400 किलोमीटर प्रति घंटा अधिक होनी है. ब्रिटेन में ब्रिस्टल के पास करीब 30 इंजीनियर सुपरसोनिक कार (ध्वनि की रफ्तार से अधिक) बनाने में जुटे हैं.
बेवर्ली सिंह
• बेवर्ली सिंह ने वेस्ट ऑफ इंग्लैंड विश्वविद्यालय से मेकेनिकल इंजीनियरिंग में परास्नातक डिग्री ली.
• वह बल्डहाउंड चेवेनिंग स्कॉलरशिप की विजेता रही हैं.
• बेवर्ली सिंह ने पोर्ट एलिजाबेथ से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की.
• इस परियोजना के तहत उनके द्वारा बोइंग और रोल्स रॉयस जैसे कंपनियों के इंजीनियरों के साथ काम किया जाना है.
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