भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और ब्रिटेन के वित्तीय क्षेत्र के नियामक वित्तीय सेवा प्राधिकरण (एफएसए) के बीच 26 जुलाई 2012 को एक नया समझौता किया गया. समझौते के अनुसार भारत और ब्रिटेन के नियामक दोनों देशों के बैंकों की निगरानी की खातिर आपस में सहयोग और बैंकों से संबंधित जानकारियों का आदान-प्रदान करेंगे. नए समझौते का उद्देश्य भारतीय रिजर्व बैंक और एफएसए की सहायता करना है, जिसके तहत यह सुनिश्चित किया गया है कि दोनों देशों के बैंकों के प्रधान कार्यालयों का उनकी सीमा पार शाखाओं के संचालन पर पर्याप्त और प्रभावी नियंत्रण रहे.
विदित हो कि 17 जुलाई 2012 को भारतीय रिजर्व बैंक और वित्तीय सेवा प्राधिकरण (एफएसए) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) किया गया था. समझौता ज्ञापन (MoU) का उद्देश्य दोनों देशों के मध्य औपचारिक आधार पर बैंकिंग क्षेत्र का पर्यवेक्षण और पर्यवेक्षी सूचनाओं का आदान-प्रदान करना है. वित्तीय नियामक सेवा प्राधिकरण (एफएसए) ब्रिटेन में वित्तीय नियामक के रूप में कार्य करने वाला एक स्वतंत्र विभाग है.
जुलाई 2012 में ब्रिटेन के एचएसबीसी बैंक की भारतीय यूनिट में कर्मचारियों की मिलीभगत से होने वाली मनीलांड्रिंग की गतिविधियां सामने आई.
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