भारतीय वायु सेना ने पश्चिम बंगाल के कलाईकुंडा वायु सैनिक ठिकाने से पांच दशक पुराने लड़ाकू विमान मिग-21, टी-77 को अपने बेड़े से विदाई 11 दिसम्बर 2013 को दी.
पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर में कलाईकुंडा वायुसैनिक केंद्र में सबसे युवा ऑपरेशनल कन्वर्ज़न यूनिट पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट एल नागराजन ने मिग-21 एफएल के फॉर्म 700 (किसी विमान का डॉक्यूमेंट लॉग) को वायुसेना प्रमुख को सौंपा.
भारतीय वायु सेना के बेड़े में छह मिग-21 विमानों के पहले जत्थे को मार्च-अप्रैल 1963 में शामिल किया गया था. वर्ष 1980-90 के दशक तक मिग-21 लड़ाकू विमानों का भारतीय वायु सेना की समाघात क्षमता में 60 प्रतिशत योगदान था.
विदित हो कि स्वदेश में विकसित हल्के लड़ाकू विमान 'तेजस' द्वारा आधिकारिक तौर पर मिग-21 एफएल लड़ाकू विमान का स्थान लिया जाना है.
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