मणिपुरी डाक्यूमेंट्री फिल्म ‘फुम शैंग’ ने 3 फरवरी 2016 को 14 वें मुंबई अन्तरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल (एमआईएफएफ 2016) में सर्वश्रेष्ठ डाक्यूमेंट्री श्रेणी के तहत गोल्डन कोंच पुरस्कार प्राप्त किया. इसका निर्देशन होबम पबन कुमार ने किया है.
52 मिनट की इस फिल्म में उत्तर पूर्व की नदी लोकटक लेक की समस्याओं को दर्शाया गया है. इस नदी पर तैरते हुए मैदान हैं जिस पर यहां के मछुआरों ने अपने निवास स्थल बना लिए हैं, इसे फुमदी कहा जाता है.
पबन कुमार को महाराष्ट्र के गवर्नर चेन्नामनानी विद्यासागर एवं राज्य संस्कृति मंत्री विनोद तावड़े द्वारा गोल्डन कोंच पुरस्कार प्रदान किया गया. इसमें 3 लाख रुपये एवं प्रशस्ति पत्र शामिल है.
स्विस फिल्म ‘माय नेम इज़ साल्ट’ तथा एक अन्य भारतीय फिल्म ‘प्लेसबो’ को संयुक्त रूप से गोल्डन कोंच पुरस्कार दिया गया.
‘माय नेम इज़ साल्ट’ का निर्देशन फरीदा पाचा द्वारा किया गया है, यह फिल्म लोगों द्वारा कच्छ में नमक के मैदानों तक हज़ारों लोगों की यात्रा पर बनाई गयी है. इसे सर्वश्रेष्ठ सिनेमोटोग्राफी का भी पुरस्कार दिया गया.
प्लेसबो कुछ छात्रों के तनाव और दबाव के दौरान किये गए अध्ययन को दर्शाती है.
एमआईएफएफ-2016
• देबांजन नंदी की एनीमेशन फिल्म ‘छाया’ को सर्वश्रेष्ठ एनीमेशन फिल्म का पुरस्कार दिया गया.
• मुंबई के फ़िल्मकार देवाशीष मखीजा की फिल्म ‘अगली बार’ को सर्वश्रेष्ठ लघु अवधि फिल्म चुना गया.
• सर्वश्रेष्ठ पदार्पण करने वाली फिल्म के लिए दिया जाने वाला दादासाहेब फाल्के पुरस्कार कोपेनहेगन के फ़िल्मकार नितेश अंजन की फिल्म ‘फार फ्रॉम होम’ को दिया गया.
एमआईएफएफ
• पहला अन्तरराष्ट्रीय मुंबई फिल्म महोत्सव 1990 में आयोजित किया गया था.
• इसे महाराष्ट्र सरकार एवं भारतीय डाक्यूमेंट्री प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित किया जाता है. इसे प्रत्येक वर्ष मुंबई में ही आयोजित किया जाता है.
• एमआईएफएफ डाक्यूमेंट्री, एनीमेशन, लघु फिल्म श्रेणी में एक प्रतिष्ठित समारोह है जो लिपजिंग, बर्लिन, क्राकोव एवं टेम्पेरे फिल्म फेस्टिवल के समकक्ष है.
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