भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 9 जनवरी 2014 को सामूहिक निवेश योजना (सीआईएस) फंड्स में समस्त निवेश नकदी के बजाय बैंकिंग माध्यमों से करना अनिवार्य बना दिया. सेबी ने यह कदम इस तरह की योजनाओं के जरिये काले धन को सफेद बनाने (मनी लॉन्डरिंग) की गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए उठाया है. यह मानदंड 9 जनवरी 2014 से लागू हो गए.
यह मानदंड सीआईएस गतिविधियों के जरिये धन-संग्रह की गतिविधियों में पारदर्शिता बढ़ाने में मददगार होंगे. इनसे इन योजनाओं में लगने वाले धन के स्रोत और उनसे जुड़े असली निवेशकों का पता लगाना भी आसन हो जाएगा.
सेबी ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1999 (1999 का 15) के अंतर्गत उल्लिखित सामूहिक निवेश योजना विनियमावली, 1999 को संशोधित कर दिया है. इन संशोधनों के बाद इस विनियमावली को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सामूहिक निवेश योजनाएँ) (संशोधन) विनियमावली, 2014 कहा जा सकता है.
यह कदम सेबी ने निवेश के पिछले मामलों को देखते हुए उठाया है, जिनमें निवेशक अवैध सीआईएस गतिविधियों के जरिये धोखाधड़ी के शिकार हो गए, जिनमें ऑपरेटर विनियामकों और कानून लागू करने वाली एजेंसियों द्वारा पकड़े जाने पर पैसा वापस करने का दावा करते हैं.
इस योजना के अंतर्गत व्यक्ति को सामूहिक निवेश प्रबंधन कंपनियों के अनुसार पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा, क्योंकि किसी भी कानून के अंतर्गत निषिद्ध कोई भी स्कीम सीआईएस नहीं समझी जाएगी. सीआईएस कंपनी को अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) दिशानिर्देशों का पालन करना होगा.
सामूहिक निवेश योजनाएँ
सामूहिक निवेश योजना वह योजना/व्यवस्था है, जो सेबी अधिनियम की धारा 11AA की उपधारा (2) में उल्लिखित शर्तें पूरी करती है. किसी कंपनी द्वारा ऑफर की गई ऐसी कोई भी योजना/व्यवस्था सीआईएस है, जिसके अंतर्गत निवेशकों द्वारा किए गए अंशदान या भुगतान इकट्ठे कर उन्हें लाभ, आय, उत्पादन या संपत्ति प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है और निवेशकों की ओर से प्रबंधित किया जाता है. ऐसी योजना/व्यवस्था के प्रबंधन और संचालन पर निवेशकों का दैनंदिन नियंत्रण नहीं होता.
निम्नलिखित योजनाएँ सामूहिक निवेश योजनाओं की श्रेणी में नहीं आती
• किसी सहकारी समिति या किसी राज्य में फिलहाल लागू सहकारी समितियों संबंधी किसी कानून के अंतर्गत पंजीकृत या पंजीकृत मानी जाने वाली किसी समिति द्वारा निर्मित या प्रस्तावित कोई योजना/व्यवस्था
• वह योजना/व्यवस्था, जिसके अंतर्गत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा जमाराशियाँ स्वीकार की जाती हैं
• बीमे की संविदा-स्वरूप कोई योजना/व्यवस्था, जिस पर बीमा अधिनियम लागू होता है
• कर्मचारी भविष्य निधि और विविध उपबंध अधिनियम, 1952 के अंतर्गत निर्मित कोई योजना, पेंशन योजना या बीमा योजना उपलब्ध करने वाली कोई योजना/व्यवस्था
• वह योजना/व्यवस्था, जिसके अंतर्गत कंपनी अधिनियम, 1956 (1956 का 1) की धारा 58A के अंतर्गत जमाराशियाँ स्वीकार की जाती हैं
• वह योजना/व्यवस्था, जिसके अंतर्गत किसी ऐसी कंपनी द्वारा जमाराशियाँ स्वीकार की जाती हैं, जो कंपनी अधिनियम, 1956 (1956 का 1) की धारा 620A के अंतर्गत निधि या पारस्परिक लाभ समिति घोषित की गई है
• वह योजना/व्यवस्था, जो चिट फंड अधिनियम, 1982 (1982 का 40) की धारा 2 के खंड (घ) में यथापरिभाषित चिट कारोबार के अर्थ के अंतर्गत आती है
• वह योजना/व्यवस्था, जिसके अंतर्गत किए जाने वाले अंशदान किसी पारस्परिक निधि को दिए जाने वाले अभिदान के स्वरूप के हों
सामूहिक निवेश प्रबंधन कंपनी
सामूहिक निवेश प्रबंधन कंपनी वह कंपनी होती है, जो कंपनी अधिनियम, 1956 के उपबंधों के अंतर्गत निगमित होती है और सेबी (सामूहिक निवेश योजनाएँ) विनियमावली, 1999 के अंतर्गत सेबी के साथ पंजीकृत होती है, जिसका उद्देश्य किसी सामूहिक निवेश योजना का संगठन, परिचालन और प्रबंधन होता है.
सामूहिक निवेश योजना
सीआईएस विनियमावली लागू होने के समय (अर्थात 15 अक्तूबर 1999 को) सामूहिक निवेश योजनाओं के रूप में परिचालित योजनाएँ वर्तमान सामूहिक निवेश योजनाएँ समझी जाती हैं.
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