मराठी कवि, लेखक और समाजिक कार्यकर्ता नामदेव ढसाल का मुंबई में 15 जनवरी 2014 को निधन हो गया. वह 64 वर्ष के थे. उनकी कुछ चुनींदा कविताएं अंग्रेजी में नामदेव ढसाल: पोएट ऑफ द अंडरवर्ल्ड, पोएम्स 1972– 2006, में अनूदित हुई थीं. नामदेव ढसाल अपना पूरा जीवन बीआर अम्बेडकर के आदर्शों पर जिया था.
नामदेव ढसाल से सम्बंधित मुख्य तथ्य
• नामदेव ढसाल को वर्ष 1999 में भारत सरकार द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
• नामदेव ढसाल को साहित्य में उनके योगदान के लिए वर्ष 2004 में साहित्य अकादमी का लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
• नामदेव ढसाल को उनकी कविता संग्रह गोलपीथा के लिए वर्ष 1974 में सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार प्रदान किया गया.
• नामदेव ढसाल उग्र दलित पैंथर मूवमेंट के संस्थापकों में से एक थे.
• नामदेव ढसाल का जन्म 15 फरवरी 1949 को महाराष्ट्र के पुणे जिले में हुआ था.
• उन्होंने गोलपीथा, खेल, तू ही यत्ता कुन्छी के जरिए दलित समुदाय की समस्याओं को उजागर किया.
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