महाराष्ट्र सरकार ने 3 नवम्बर 2015 को राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए एपीजे अब्दुल कलाम अमरुत योजना को मंजूरी प्रदान की.
इस योजना का उद्देश्य गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कम से कम एक समय पूर्ण पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है.
योजना की विशेषताएं
• भोजन निःशुल्क उपलब्ध कराया जायेगा.
• इसे भोजन प्राप्त करने वाले व्यक्ति की पसंद के अनुसार तैयार किया जायेगा.
• यह भोजन छह माह तक उपलब्ध कराया जायेगा, इसकी शुरुआत गर्भावस्था के छह महीने बाद की जाएगी तथा डिलीवरी के तीन महीने बाद तक प्रदान किया जायेगा.
• भोजन में दाल, चावल, फल, सब्जी, उबले अंडे एवं दूध शामिल होगा.
• प्रथम वर्ष में 1.9 लाख महिलाओं को इस योजना से लाभ प्राप्त होगा.
योजना का क्रियान्वयन
• योजना 15 नवम्बर 2015 से लागू होगी.
• आंगनवाड़ी सदस्य, जनजातीय महिलाएं एवं स्थानीय भोजन समिति योजना को क्रियान्वित करेंगे.
• महिला एवं बाल कल्याण विभाग आंगनवाड़ी सदस्यों पर 10 करोड़ रुपये खर्च करेंगे.
• यह योजना 16 जिलों में मौजूद जनजातीय जनसंख्या वाले क्षेत्रों में लागू की जाएगी.
• चार सदसीय भोजन समिति इन 16 जिलों में भोजन की जांच करेंगी.
• एक महिला पंचायत सदस्य को इस समिति का अध्यक्ष बनाया जायेगा, इसके अतिरिक्ति इसके सदस्यों में दो गर्भवती महिलाएं तथा एक आंगनवाड़ी सदस्य भी शामिल होगा.
• प्रत्येक थाली पर 22 रुपये के हिसाब से प्रत्येक वर्ष 75 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
इस योजना के क्रियान्वयन से मां तथा बच्चे के स्वास्थ्य को सुनिश्चित किया जा सकेगा.
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