ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क को 4 जून 2014 को दुनिया की नंबर एक टेस्ट क्रिकेट टीम के कप्तान के तौर पर रिलायंस अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) टेस्ट मेस (गदा) प्रदान की गई.
यह गदा उन्हें ब्रिसबेन में टीम के अभ्यास सत्र के दौरान सौंपी गई. ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम ने अगस्त 2009 के बाद पहली बार यह गदा हासिल की है.
इसे हासिल करने के बाद क्लार्क ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया की धरती पर गदा दोबारा लाकर हम काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे है. उन्होंने कहा कि यह टीम से जुड़े सभी लोगों सहयोगी स्टाफ, परिवार, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के स्टाफ और हमारे प्रशंसकों के लिए बड़ी उपलब्धि है जिन्होंने कठिन दौर में हमारा साथ दिया.
उन्होंने कहा निजी तौर पर एक कप्तान के रूप में मेरे लिए यह काफी संतोषजनक उपलब्धि और गौरवपूर्ण पल है. क्लार्क का मानना है कि किसी भी क्रिकेटर के लिए टेस्ट क्रिकेट सबसे बड़ी चुनौती है.
माइकल क्लार्क ने कहा टेस्ट क्रिकेट वाकई में 'टेस्ट' है. इसमें स्टैमिना, कौशल, संयम, फिटनेस और विभिन्न परिस्थितियों में ढलने की परीक्षा होती है. यह क्रिकेट का सबसे खालिस प्रारूप है और ऑस्ट्रेलिया में शायद ही कोई ऐसा युवा क्रिकेटर होगा जो टेस्ट मैच में बैगी ग्रीन नहीं पहनना चाहता हो.
माइकल क्लार्क
माइकल क्लार्क आस्ट्रेलिया के दांये हाथ के बल्लेबाज है. वह आस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के दोनो प्रारुप में कप्तान भी है. माइकल क्लार्क ने कुल 105 टेस्ट मैचों में 51.50 के औसत से कुल 8240 रन बनाए. उन्होंने कुल 236 एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में 44.66 के औसत से कुल 7683 रन बनाए. क्लार्क एक ही सीरीज में तिहरा शतक और एक दोहरा शतक बनाने वाले तीसरे आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी है. एडिलेड में उन्होंने 210 व सिडनी में 329 रन बनाये थे.
आईसीसी टेस्ट मेस (गदा)
आईसीसी टेस्ट मेस एक प्रतिष्ठित क्रिकेट ट्राफी है जो टेस्ट क्रिकेट में नं.1 रैंकिंग वाली टीम को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद द्वारा प्रदान की जाती है.
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