मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 5 जनवरी 2014 को हुई अल्पसंख्यक शिक्षा हेतु राष्ट्रीय निगरानी समिति की वार्षिक बैठक के दौरान मौलाना आजाद तालीम–ए– बालिगन योजना की घोषणा की. इस योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय में उच्च साक्षरता दर हासिल करना है.
मौलाना आजाद तालीम–ए– बालिगन योजना के मुख्य प्रावधान
• यह योजना मुस्लिम बहुल साक्षर भारत के 61 जिलों में शुरू की जानी है. केंद्र की व्यस्कों के लिए साक्षरता कार्यक्रम 11 राज्यों में चल रहा है.
• इस योजना के तहत 15 वर्ष और उससे अधिक के आयु वर्ग की एक करोड़ की आबादी और 2.5 लाख व्यस्कों के लिए बुनियादी शिक्षा प्रदान की जानी है.
• इसके साथ ही उनके कौशल विकास के लिए भी कार्यक्रम चलाया जाएगा.
• पांच हजार की मुस्लिम आबादी से अधिक वाले इलाके में सिर्फ महिलाओं के लिए अतिरिक्त 1000 व्यस्क शिक्षा केंद्रों की स्थापना की भी योजना है.
• अन्य योजनाओं में केजीबीवी, लड़कियों/ महिलाओं के छात्रावास, डिग्री कॉलेजों, शिक्षा के लिहाज से पिछड़े और पर्याप्त मुस्लिम आबादी वाले कुछ चुनिंदा शहरों/ जिलों में पॉलिटेक्निकों की स्थापना करना शामिल है.
• अल्पसंख्यक लड़कियों में कौशल विकास के लिए ‘हुनर– एचयूएनएआर’ की तर्ज पर नई योजना की घोषणा भी की गई.
• 978 करोड़ रूपये की इस प्रस्तावित योजना के तहत 9 लाख 20 हजार अल्पसंख्यक लड़कियों को प्रशिक्षित किया जाएगा.
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