जापान में 11 मार्च 2011 को आई सुनामी ने जापान से लगभग 8 हजार मील दूर स्थित अंटार्कटिका को भारी नुकसान पहुंचाया है. नासा के उपग्रह से लिए गए चित्रों के आधार पर मुख्य शोधकर्ता केली ब्रंट की टीम ने अंटार्कटिका को हुए भारी नुकसान का आकलन किया. अंटार्कटिका के पश्चिम में स्थित शल्जबर्गर चट्टान का सबसे बड़ा टुकड़ा जो टूट कर बह गया उसका दायरा 6.5 किलोमीटर चौड़ा और 9.5 किलोमीटर लंबा था.
जर्नल ऑफ ग्लैसिकोलौजी (Journal of Glaciology) में अगस्त 2011 के दूसरे सप्ताह में प्रकाशित इस शोध के अनुसार सुनामी ने अंटार्कटिका की 260 फीट मोटी बर्फ की चट्टान में कई दरारें डाल दी. शोधकर्ताओं के अनुसार सुनामी की लहरों को जापान से अंटार्कटिका पहुंचने में लगभग 18 घंटे लगे.
ज्ञातव्य हो कि अंटार्कटिका के पश्चिम में स्थित शल्जबर्गर चट्टान में पिछले 50 वर्षों में कोई खास परिवर्तन नहीं आया था. लेकिन सुनामी की लहरों ने उसके 125 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल को तोड़कर रख दिया. शोधकर्ताओं के अनुसार शल्जबर्ग को तोड़ने वाली लहरें मात्र एक फीट ऊंची थीं.
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