मिस्र में हुए संसदीय चुनाव में इस्लामी पार्टियों ने भारी जीत दर्ज की. मुस्लिम ब्रदरहुड की राजनीतिक इकाई फ्रीडम एंड जस्टिस पार्टी को सर्वाधिक 235 सीटें हासिल हुईं. जबकि अल-नूर पार्टी को 121 सीटें हासिल हुई हैं. मिस्र में हुए संसदीय चुनाव परिणाम की घोषणा सर्वोच्च चुनाव समिति द्वारा 21 जनवरी 2012 को की गई.
मिस्र में पीपुल्स असेम्बली की 498 सीटों पर हुए संसदीय चुनाव में धर्मनिरपेक्ष वाफ्द और इजिप्शियन ब्लॉक को क्रमश: 36 और 33 सीटों पर ही जीत मिली हैं. मिस्र में हुई जन-क्रांति में सबसे आगे रहे युवा कार्यकर्ताओं द्वारा गठित क्रांति जारी है गठबंधन (रिवोल्यूशन कान्टीन्यूज कोलिशन) को सिर्फ सात सीटों पर जीत हासिल हुई. जबकि सत्ताधारी सशस्त्र बलों की सर्वोच्च परिषद के अध्यक्ष मोहम्मद हुसैन तंतावी ने 10 अतिरिक्त सांसदों को नामित किया.
मिस्र में नवनिर्वाचित व नामित सहित कुल 508 सदस्यीय संसद के निचले सदन का प्रथम सत्र 23 जनवरी 2012 को बुलाया गया. मिस्र के ऊपरी सदन, यानी शूरा परिषद का चुनाव फरवरी-मार्च 2012 में होना है.
ज्ञातव्य हो कि मिस्र में तीन चरण वाले मतदान की एक जटिल व्यवस्था है, जहां दो-तिहाई सीटें पार्टी उम्मीदवारों को आवंटित होती हैं और बाकी एक-तिहाई सीटों पर व्यक्तिगत उम्मीदवार चुनाव लड़ते हैं. पूरी मतदान प्रक्रिया में छह सप्ताह का समय लगा और मतदान 11 जनवरी 2012 को समाप्त हुआ था.
जनवरी 2011 में मिस्र में हुई जन-क्रांति के कारण तत्कालीन राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक की सत्ता समाप्त कर दी गई थी. इसके बाद यह चुनाव मिस्र का प्रथम संसदीय चुनाव है. राष्ट्रपति हुस्नी मुबारक के समय मिस्र में मुस्लिम ब्रदरहुड एक प्रतिबंधित संगठन घोषित था. वर्ष 1920 में अपने गठन के बाद मुसलिम ब्रदरहुड पहली बार सत्ता में पहुंच सका है.
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