4 अगस्त 2011 को मुंबई से 20 समुद्री मील दूर एक जहाज एमवी रॉक (MV Rak) डूब गया था. जहाज के डूबने से उससे रिसाव के कारण लगभग 300 मीट्रिक टन तेल समुद्र में बह गया. इससे मुंबई और आस पास के सागर तट को प्रदूषण का खतरा पैदा हो गया है. ज्ञातव्य हो कि इंडोनेशिया से कोयला लेकर गुजरात जा रहे इस जहाज में 250 मीट्रिक टन ईधन के रूप में तेल के अलावा 50 मीट्रिक टन डीजल भी था. भारतीय तट रक्षक बल ने डूब रहे जहाज के सभी कर्मचारियों को बचा लिया था.
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को आसपास के समुद्री जल के नमूने इकट्ठा करने का निर्देश दिया है तथा मछुआरों को तेल रिसाव वाले क्षेत्रों से मछलियां नहीं पकड़ने के निर्देश भी दिए हैं. डूबे जहाज एमवी रॉक (MV Rak) से 1.5 से से 2.0 मीट्रिक टन प्रति घंटा की रफ्तार से तेल का रिसाव हो रहा है.
7 अगस्त 2010 को मुंबई के ही निकट मर्चेंट नेवी के दो जहाजों एमवी एमएससी चित्रा एवं एमवी खलीजिया-3 के बीच टक्कर हो गई थी. इसके कारण दोनों जहाजों से निकले करीब 400 मीट्रिक टन तेल ने मुंबई, अलीबाग, रायगढ़ क्षेत्र के समुद्री किनारों को बुरी तरह प्रभावित किया था. इस तेल रिसाव से 1273 हेक्टेअर में फैले मैनग्रोव को भी खासा नुकसान हुआ था.
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