30 मार्च 2011 को म्यांमार में जनता द्वारा निर्वाचित सरकार का गठन किया गया. राष्ट्रपति थीन सीन के नेतृत्त्व में कुल 58 नए मंत्रिमंडल सदस्यों ने शपथ ली, जिसमें राष्ट्रपति के अलावा दो उप-राष्ट्रपति और अन्य मंत्री शामिल हैं. इसके साथ ही म्यांमार की सैन्य जुंटा के स्टेट पीस एवं डिवेलपमेंट काउंसिल को औपचारिक रूप से भंग कर दिया गया.
राष्ट्रपति थीन सीन के अलावा टिन आउंग मिंट ऊ और साइ मौक खाम को उपराष्ट्रपति बनाया गया. म्यांमार के राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का रखा गया जोकि वर्ष 2008 में बनाए गए नए संविधान के अनुसार है. कुल 58 नए मंत्रिमंडल सदस्यों में से 30 केंद्रीय स्तर के हैं जबकि 14 राज्यों या प्रदेशों के लिए 14 मुख्यमंत्री और महालेखाकार, अटॉर्नी जेनरल आदि जैसे 14 अन्य विभागों के लिए 14 विभाग प्रमुखों को शपथ दिलाई गई.
म्यांमार के सेना प्रमुख और स्टेट पीस एंड डेवेलपमेंट काउन्सिल के अध्यक्ष थान स्वे ने भी सेना प्रमुख के पद से इस्तीफा दिया. थान स्वे 23 अप्रैल 1992 से इस पद पर कार्यरत थे. म्यांमार के नए सेना प्रमुख (थल, जल और वायु सेना तीनों अंगों का) का पद-भार जेनरल मिन आउंग हलायिंग ने संभाला.
ज्ञातव्य हो कि नवंबर 2010 में म्यांमार में आम चुनाव करवाया गया था, जिसमें म्यांमार की सेना यानी सैन्य जुंटा समर्थित यूनियन सोलिडारिटी एंड डेवेलपमेंट पार्टी ने जीत हासिल की थी. आंग सान सू की के नेतृत्त्व वाली पार्टी द नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी ने इस चुनाव में हिस्सा नहीं लिया था और इसका बहिष्कार किया था.
दक्षिण-पूर्वी एशियाई देश म्यांमार जिसका पुराना नाम बर्मा था, में वर्ष 1962 में जेनरल ने वीन ने नागरिक सरकार (यू नू के नेतृत्त्व वाली सरकार) का तख्ता पलट कर सैन्य शासन की स्थापना की थी.
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