अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन (US Energy Information Administration, ईआईए) की वार्षिक ऊर्जा परिदृश्य रिपोर्ट (Annual Energy Outlook Report) के अनुसार भारत जापान को पीछे छोड़कर वर्ष 2025 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता देश होगा. रिपोर्ट में अमेरिका को प्रथम और चीन को दूसरा स्थान दिया गया है. अमेरिकी ऊर्जा सूचना प्रशासन (ईआईए) ने अपनी वार्षिक ऊर्जा परिदृश्य रिपोर्ट (Annual Energy Outlook Report) 7 मई 2014 को जारी की. वर्तमान में तेल खपत के मामले में भारत अमेरिका, चीन व जापान के बाद चौथे स्थान पर है.
वार्षिक ऊर्जा परिदृश्य रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
• ईआईए की वार्षिक ऊर्जा परिदृश्य रिपोर्ट में वर्ष 2025 तक भारत में तेल की खपत बढ़कर 51.9 लाख बैरल प्रतिदिन होने का अनुमान व्यक्त किया गया, जो वर्ष 2012 में 36.8 लाख बैरल प्रतिदिन थी.
• रिपोर्ट में वर्ष 2012 से 2040 के दौरान भारत में तेल की खपत में सर्वाधिक वृद्धि होने का अनुमान है जो औसतन वार्षिक तीन प्रतिशत की है.
• रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 में भारत में तेल की मांग 61.1 लाख बैरल प्रतिदिन और वर्ष 2040 में 83.3 लाख बैरल प्रतिदिन होगी.
• तेल की खपत के मामले में अमेरिका प्रथम स्थान पर बना रहेगा, हालांकि उसकी मांग में वृद्धि नहीं होगी.
• वर्ष 2012 में अमेरिका में तेल की खपत 1.82 करोड़ बैरल प्रतिदिन थी, जिसके 2020 तक बढ़कर 1.92 करोड़ बैरल प्रतिदिन पर पहुंच जाने का अनुमान है, लेकिन वर्ष 2025 तक यह घटकर 1.89 करोड़ बैरल प्रतिदिन व 2040 तक 1.84 करोड़ बैरल प्रतिदिन रहने का अनुमान लगाया गया.
• चीन में तेल की मांग वर्ष 2012 के 1.03 करोड़ बैरल से बढ़कर 2025 तक 1.57 करोड़ बैरल प्रतिदिन पर पहुंच जाने का अनुमान व्यक्त किया गया.
• रिपोर्ट में वर्ष 2025 तक जापान में तेल की खपत 43.8 लाख बैरल प्रतिदिन होने का अनुमान लगाया गया है. जापान में वर्ष 2012 में तेल की खपत 47.5 लाख बैरल प्रतिदिन रही.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation