रक्षा अधिग्रहण परिषद(डीएसी) ने 28 फ़रवरी 2015 को स्विट्ज़रलैंड से 1500 करोड़ रुपए के 38 पेलट्स प्रशिक्षक विमानों को खरीदने के समझौते को मंजूरी दी है.
यह प्रशिक्षक विमान भारतीय वायु सेना(आईएएफ) के लड़ाकू विमानों के पायलटों को प्रशिक्षित करेंगे.
इसके अलावा रक्षा अधिग्रहण परिषद ने गोवा शिपयार्ड लिमटेड को 12 माइन काउंटर मेज़र जलयान (एमसीएमवी) के निर्माण के लिए नेतृत्व एजेंसी के रूप में नियुक्त किया है.
यह निर्णय केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पारिकर की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद(डीएसी) की बैठक में लिया गया.
एमसीएमवी परियोजना का उद्देश्य भारतीय नौसेना के लिए विशेष जलयान बनाकर भारत के मेक इन इंडिया पहल में योगदान देना है.
इस योजना के तहत वेसल बनाने के लिए गोवा शिपयार्ड लिमटेड(जीएसएल) ने 32000 करोड़ रुपए का एक समझौता विदेशी विक्रेताओं से किया है.
जिसके तहत विदेशी विक्रेता जीएसएल को वेसल निर्माण की प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण करेंगे.
इसके साथ ही रक्षा अधिग्रहण परिषद(डीएसी) ने भारतीय वायु सेना(आईएएफ) के लिए एक सी-130 जे परिवहन विमान को खरीदने के लिए 530 करोड़ रुपए के समझौते को मंजूरी दी है.
यह विमान 2014 में ग्वालियर के पास दुर्घटनाग्रस्त हुए सी -130 जे विमान का स्थान लेगा.
अन्य समझौतों के तहत भारतीय वायु सेना के लिए 21 लो वेट रडार और थल सेना के लिए रॉकेट्स की खरीद को मंजूरी दी गई है.
रक्षा अधिग्रहण परिषद(डीएसी) भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना द्वारा विदेशों से खरीदी जाने वाले सैन्य उपकरणों पर अंतिम अनुमति देने वाला शीर्ष निकाय है.
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