केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री शशि थरूर को वर्ष 2008 के राष्ट्रगान अवमानना मामले में 6 जुलाई 2013 को दोषमुक्त कर दिया गया. उन पर आरोप था कि उन्होंने 16 दिसंबर 2008 को कोच्चि स्थित फेडरल बैंक परिसर में आयोजित समारोह में राष्ट्रगान का अपमान किया था. शशि थरूर के विरुद्ध राष्ट्र सम्मान अपमान रोकथाम अधिनियम 1977 की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
न्यायालय का निर्णय
केरल स्थित कोच्ची के न्यायालय के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एम मनोज ने अपने निर्णय में शशि थरूर को दोषमुक्त कर दिया. निर्णय के अनुसार शशि थरूर के विरुद्ध कोई मामला नहीं बनता, क्योंकि उन्होंने जानबूझकर राष्ट्रगान के गायन में रुकावट नहीं डाली. उनकी भावना लोगों को राष्ट्रगान के दौरान देश भक्ति प्रकट करने के लिए प्रेरित करने की थी.
क्या था विवाद ?
शशि थरूर के विरुद्ध जॉय कैथर्थ की व्यक्तिगत शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था. शिकायत के अनुसार 16 दिसंबर 2008 को कोच्चि स्थित फेडरल बैंक परिसर में आयोजित समारोह में जब राष्ट्रगान गाया जा रहा था, तब शशि थरूर ने इसे बीच में रोक दिया था और लोगों से अमेरिका के लोगों की तरह दाएं हाथ को सीने पर रखकर गायन की अपील की थी.
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