प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने 2 मार्च 2016 को राष्ट्रीय उत्पादक प्रतियोगितात्मकता परिषद (एनएमसीसी) को तत्काल प्रभाव से बंद करने को अनुमति प्रदान की.
परिषद के गठन के उद्देश्य को पूरा कर परिषद के पूर्व अध्यक्ष डॉ. वी.कृष्णमूर्ति ने 28 मई 2014 को अपने पद से त्यागपत्र दे दिया और 22 नवंबर 2014 को परिषद के सदस्य सचिव अजय शंकर, आईएएस (सेवानिवृत्त) ने अपने कार्यकाल की समाप्ति पर पद से त्यागपत्र दे दिया. अध्यक्ष की अनुपस्थिति और नया गठन न होने के कारण एनएमसीसी कोई कार्य नहीं कर रही थी.
राष्ट्रीय उत्पादक प्रतियोगितात्मकता परिषद (एनएमसीसी)
एनएमसीसी की स्थापना यूूपीए सरकार द्वारा वर्ष 2004 में समान न्यूनतम कार्यक्रम( सीएमपी) के रूप में उत्पादन क्षेत्र की वृद्धि को कायम रखने और नीतिगत वार्तालाप के लिए एक मंच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई थी. इसकी स्थापना एक स्वायत्त संगठन के तौर पर की गई.
परिषद के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री स्तर के और सरकार और उद्योग क्षेत्र के व्यक्ति इसके सदस्य होते थे. वर्ष 2004 में अपनी शुरूआत के बाद एनएससीसी ने कई सरकारी मंत्रालयों, विभागों और औद्योगिक संगठनों के साथ विचारविमर्श द्वारा स्वतंत्र अध्ययन किए और संचालन के दौरान मंत्रालय और विभागों के साथ रिपोर्ट साझा की.
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