रेलवे में सुधार के लिए गठित बिबेक देबरॉय समिति ने अपनी रिपोर्ट रेलवे मंत्रालय को सौंपी

Jun 17, 2015, 17:16 IST

डॉ बिबेक देबरॉय की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने 12 जून 2015 को अपनी रिपोर्ट रेलवे मंत्रालय को सौंपी

डॉ बिबेक देबरॉय की अध्यक्षता में गठित रेलवे में सुधारों के लिए बनी उच्च स्तरीय समिति ने 12 जून 2015 को अपनी रिपोर्ट रेलवे मंत्रालय को सौंपी.

समिति को रेलवे की प्रमुख परियोजनाओं के लिए संसाधन जुटाने की लिए जाना जाता है. रेलवे मंत्रालय तथा रेलवे बोर्ड में सुधार के लिए इसका गठन सितम्बर 2014 में किया गया था.

सिफारिशें लागू करने के लिए समिति ने निम्नलिखित समय सारणी जारी की है:

तुरंत प्रभाव - उदारीकरण, अथवा निजी क्षेत्र को प्रवेश की अनुमति प्रदान करना, रेलवे बोर्ड की संरचना में परिवर्तन.

0-2 वर्ष -  क्षेत्र/विभागों का विकेंद्रीकरण, वित्तीय सेवाओं को केंद्र सरकार तथा भारतीय रेलवे के बीच विभाजित करना.


2 वर्ष – आरपीएफ, स्कूल एवं चिकित्सा सुविधाएं, व्यावसायिक लेखा का ट्रांसिशन तथा उत्पादन और निर्माण इकाइयों के सुधार.

3 वर्ष – रेलवे कानून, रेलवे बोर्ड कानून, रेगुलेटर की स्थापना करना, रेलवे सेवाओं में प्रवेश के लिए समान नियम, सामाजिक मूल्यों को बनाये रखने का संकल्प.

5 वर्ष – रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर कारपोरेशन तथा बाकी रेलवे मंत्रालय के बीच ट्रेन ऑपरेटर तथा रेलवे बजट का विभाजन.

7 वर्ष – सरकार द्वारा चालित एसपीवी के लिए ट्रेन ऑपरेट करने वाले भारतीय रेलवे में सुधार.

समिति की मुख्य सिफारिशें

यह नीति निर्माण, नियमन और संचालन की भूमिका विभाजित करने के लिए आवश्यक है. भारत सरकार और रेलवे संगठनों के बीच जिम्मेदारी का स्पष्ट विभाजन होना चाहिए.

मंत्रालय केवल रेलवे क्षेत्र की नीतियों के लिए जिम्मेदार होगा. भारतीय रेलवे को संसदीय जवाबदेही तथा स्वायत्तता प्रदान की जाएगी.

भारतीय रेलवे का दो स्वतन्त्र संगठनों के रूप में विभाजन : पहला, ट्रैक एवं इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए उत्तरदायी एवं दूसरा रेलगाड़ियों का संचालन.

उचित निर्णय लेने की प्रणाली को सक्षम बनाने के लिए भारतीय रेलवे को दोहरी लेखा प्रणाली को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया गया है. इससे सब्सिडी की आवश्यक सीमा निर्धारित करने में सहायता मिलेगी.

रेलवे बोर्ड कॉरपोरेट बोर्ड की तरह काम करे चेयरमैन सीईओ की तरह काम करें तथा चेयरमैन के पास निर्णय लेने का अधिकार हो.

रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर कम्पनी को सरकारी एसपीवी की तरह गठित किया जाना चाहिए जो रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर देखे तथा भारतीय रेलवे से अलग हो.

प्राइवेट कंपनी के किसी नए ऑपरेटर के लिए जो ट्रेन ऑपरेशन में इच्छित हो उसके लिए नए प्रावधान की आवश्यकता है.

भारतीय रेल अधिनियम में संशोधन के दौरान निजी ऑपरेटरों द्वारा लगाए गए टैरिफ तथा किराये में  कटौती का प्रावधान होना चाहिए. यह कटौती यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं के अनुसार होगी.

स्वतंत्र बजट के साथ रेलवे नियामक प्राधिकरण स्थापित करना ताकि यह रेलवे मंत्रालय से स्वतन्त्र होकर कार्य कर सके.

भारतीय रेलवे नियामक प्राधिकरण स्थापित करना. इसमें आर्थिक विनियमन की शक्तियां तथा उद्देश्य निहित होंगे जिसके अंतर्गत टैरिफ विनियमन; सुरक्षा विनियमन, सेवा विनियमन जैसे कार्य शामिल होंगे.

रेलवे नियामक प्राधिकरण अर्ध-न्यायिक शक्तियों के साथ कार्य करेगा जिसमें नियुक्ति तथा पद से हटाने की शक्ति स्वयं इसी में निहित होगी.

एक अपीलीय न्यायालय का गठन किया जाना चाहिए जिसमें रेलवे नियामक प्राधिकरण के खिलाफ शिकायतों की सुनवाई होगी.

आरपीएफ का भारतीय रेलवे से प्राथ्करण होना चाहिए तथा रेलवे प्रॉपर्टी को निजी सुरक्षा के दायरे में लाया जाना चाहिए.

रेलवे स्कूलों को तुरंत केंद्रीय विद्यालय संगठनों के अंतर्गत लाया जाना चाहिए.

सभी मौजूदा निर्माण इकाईयों को सरकारी तंत्र - भारतीय रेलवे विनिर्माण कम्पनी, के अधीन लाया जाना चाहिए. शुरुआत में इस सन्दर्भ में निजीकरण की अधिक आवश्यकता नहीं है.


रेलवे के लिए मुख्य तकनीकी अधिकारी के पद को बनाये जाने की आवश्यकता है जिसकी सीधी रिपोर्टिंग बोर्ड चेयरमैन को होनी चाहिए.

बहुत से विभाग एवं प्रभागों का युक्तिकरण किया जाना चाहिए.

ज़ोन के प्रमुख को सभी आवश्यक निर्णय लेने के लिए रेलवे बोर्ड को सूचित किये बिना उपयुक्त अधिकार प्राप्त होने चाहिए.

रेलवे बोर्ड सेक्रेटेरियट सर्विसेज़ अथवा रेलवे बोर्ड क्लेरिकल सर्विसेज़ की भिन्न आवश्यकता नहीं है इसलिए इन्हें सेंट्रल सेक्रेटेरियट सर्विसेज़ से जोड़ देना चाहिए.

आधार नम्बर को टिकट खरीद के साथ जोड़ा जाना चाहिए. बीपीएल श्रेणी को मिलने वाली छूट को उनके बैंक अकाउंट में भेज दिया जाना चाहिए. इस तरह की छूट केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित होनी चाहिए.

भारतीय रेलवे को ट्रेन में भोजन परोसने के लिए बड़े फ़ूड चेन ग्रुप्स अथवा रेस्टोरेंट्स से अनुबंध करना चाहिए. इसे ऑनलाइन बुकिंग द्वारा संभव बनाया जा सकता है, इससे ग्राहक एक ही समय पर अधिक व्यंजनों में से अपनी पसंद का खाना मंगा सकेंगे.

निवेश बढ़ाने के लिए निवेश सलाह समिति बनायी जा सकती है जिसमें विशेषज्ञ, बैंकर्स तथा सेबी, एसबीआई, आरबीआई, आईडीएफसी तथा अन्य संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होने चाहिए.

Now get latest Current Affairs on mobile, Download # 1  Current Affairs App

 

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
... Read More

यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

AndroidIOS

Trending

Latest Education News