भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के संस्थापकों में से एक और पूर्व आईपीएस अधिकारी बहुकुटुंबी रमन का कैंसर के कारण चेन्नई में 16 जून 2013 को निधन हो गया. वह 77 वर्ष के थे.
बहुकुटुंबी रमन के जीवन से संबंधित मुख्य तथ्य
• वह वर्ष 1961 के मध्य प्रदेश कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी थे.
• उन्हें रामेश्वर नाथ काओ ने वर्ष 1968 में रॉ की स्थापना के समय इसमें चुना था.
• वह वर्ष 1988 से वर्ष 1994 तक खुफिया एजेंसी रॉ की आतंकवादी निरोधक इकाई के प्रमुख रहे.
• वह केन्द्र सरकार द्वारा खुफिया सेवाओं में सुधार हेतु वर्ष 2000 में गठित विशेष टास्क फोर्स तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के भी सदस्य रहे.
• वह 26 वर्ष तक भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) से जुडे़ रहे और 31 अगस्त 1994 को कैबिनेट सचिवालय में अतिरिक्त सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए.
• बहुकुटुंबी रमन करगिल घुसपैठ पर खुफिया एजेंसियों की नाकामी के कारणों का पता लगाने हेतु गठित समिति के सदस्य थे.
• बहुकुटुंबी रमन ने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने में रॉ की भूमिका पर पुस्तक काओ बॉयज ऑफ रॉ भी लिखी थी. इस पुस्तक में खुफिया ब्यूरो (आईबी) के वरिष्ठ अधिकारी रामेश्वर नाथ काओ द्वारा एजेंसी की स्थापना से लेकर उसके बाद के कामकाज पर प्रकाश डाला गया था.
• उन्होंने वर्ष 2007 में आई अपनी पुस्तक काओ बॉयज ऑफ रॉ में बताया कि किस तरह से भारत-चीन तथा भारत-पाकिस्तान युद्ध में खुफिया नाकामी के बाद देश की बाहरी सुरक्षा का दायित्व संभालने हेतु खुफिया ब्यूरो (आईबी) से अलग हटकर रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) की स्थापना की गई.
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ)
रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) भारत का अंतर्राष्ट्रीय गुप्तचर संस्था है. इसका गठन सितंबर 1968 में किया गया था. जब अन्वेषण ब्यूरो (जो पहले घरेलु व अंतरराष्ट्रीय मामले संभालती थी) वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध व वर्ष 1956 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अच्छी तरह कार्य नहीं कर पाया था, जिसके चलते भारतीय सरकार को एक ऐसी संस्था की ज़रूरत महसूस हुई जो स्वतन्त्र और सक्षम तरीके से बाहरी जानकारियां जमा कर सके. रिसर्च एंड एनालिसिस विंग का मुख्य कार्य जानकारी इकठ्ठा करना, आतंकवाद को रोकना व गुप्त ऑपरेशनों को अंजाम देना है. इसके साथ ही यह विदेशी सरकारों, कंपनियों व इंसानों से मिली जानकारी पर कार्य करना है, ताकि भारतीय नीति निर्माताओं को सलाह दी जा सके. रॉ का मुख्यालय नई दिल्ली में है.
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