कर्मचारी भविष्य योजना 1995 के तहत संगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए न्यूनतम मासिक पेंशन 1000 रुपए देने वाले प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी. यह मंजूरी केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 23 जनवरी 2014 को दी.
वर्तमान में कामगारों को 30 साल काम करने के बाद मासिक पेंशन 500 रुपए मिलती है. यह प्रस्ताव 1 अप्रैल 2014 से प्रभावी होना है.
इस प्रस्ताव से लगभग 27 लाख पेंशनरों को लाभ होगा. केंद्रीय सरकार न्यूनतम मासिक पेंशन योजना को प्रभावी करने के लिए 1217 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान करेगा.
केंद्रीय श्रम मंत्री ऑस्कर फर्नांडिस के निर्णय पर निर्भर करता है कि इस प्रस्ताव को कैबिनेट के अनुमोदन के लिए भेजा जाए या नहीं. वित्त मंत्रालय ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना 1995 के तहत मूल वेतन की अधिकतम सीमा मौजूदा 6500 रुपए से बढाकर 15000 रुपए तक करने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दी.
ऐसे सभी कर्मचारी जिन्हें मूल वेतन (मूल वेतन और महंगाई भत्ता सहित) 6500 रुपए से अधिक मिलता है, वो सरकार द्वारा संचालित सामाजिक सुरक्षा योजना के दायरे में नहीं आते. कर्मचारी पेंशन योजना कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा चलाया जाता है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन से संबंधित तथ्य
• कर्मचारी भविष्य निधि संगठन की स्थापना 4 मार्च 1952 को हुई.
• कर्मचारी भविष्य निधि संगठन का मुख्यालय नई दिल्ली में है.
• ईपीएफओ, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत भारत सरकार की एक सांविधिक निकाय है.
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