वित्त वर्ष 2012-13 की जनवरी-मार्च तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर कम होकर 4.8 प्रतिशत रही, जिससे वित्त वर्ष 2012-13 की वृद्धि दर एक दशक में सबसे कम 5 प्रतिशत रही. ऐसा कृषि, विनिर्माण और खनन क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के कारण हुआ. वित्त वर्ष 2011-12 की जनवरी-मार्च तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 5.1 प्रतिशत रही थी. केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन आंकड़ों कें अनुसार वित्त वर्ष 2012-13 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत, दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में 5.2 प्रतिशत और तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में 4.7 प्रतिशत थी. वित्त वर्ष 2011-12 में देश की आर्थिक वृद्धि 6.2 प्रतिशत दर्ज की गई थी.
सकल घरेलू उत्पाद
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी ) या सकल घरेलू आय (जीडीआई), एक अर्थव्यवस्था के आर्थिक प्रदर्शन का एक बुनियादी माप है, यह एक वर्ष में एक राष्ट्र की सीमा के भीतर सभी अंतिम माल और सेवाओ का बाजार मूल्य है.
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