केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 27 अक्टूबर 2015 को पायलट परियोजना के आधार पर 'पैन कैंप' और 'ई सहयोग' योजना का शुभारम्भ किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया में भागीदारी करते हुए आयकर विभाग ने इस सुविधा को शुरू किया है. इसके तहत आयकर के रिटर्न की गड़बड़ियों को ई मेल के मध्यम से सही किया जाएगा. इसके अतिरिक्त दूर दराज के इलाके के लिए स्पेशल पैन कैंप की भी शुरूआत की गई.
ई- सहयोग केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) की कागज रहित पहल है. इसके जरिए आयकरदाताओं को नोटिस ही नहीं बल्कि उसकी गलतियां भी मेल के माध्यम से ही सही की जाएंगी. यही नहीं, लोगों को आयकर विभाग के दफ्तर का चक्कर लगाने से भी मुक्ति मिल जाएगी. ई मेल पर आए जवाब को आयकर अधिकारी जांचेंगे और यदि संतोषजनक हुआ तो उसी समय उसका निदान निकाल दिया जाएगा.
इस दौरान दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले लोगों केलिए स्थायी खाता संख्या (पैन) नंबर जारी करने के लिए विशेष शिविर की भी शुरूआत की गई. इस समय देश भर में करीब 23 करोड़ लोगों के पास पैन है. पैन धारकों की संख्या में बढ़ोतरी से सरकार को एक लाख रुपए के लेन-देन के लिए पैन नंबर का अनिवार्य रूप से उल्लेख करने की सरकार की बजट घोषणा को क्रियान्वित करने में मदद मिलेगी.
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