जापान ने विश्व के पहले बोलने वाले रोबोट 'किरोबो' को अंतरिक्ष में 4 अगस्त 2013 को भेजा. जापान के तनेगाशिमा द्वीप से एच2बी राकेट के जरिए रोबोट व अन्य सामान प्रक्षेपित किए गए. यह रोबोट 9 अगस्त 2013 को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में पहुंच जाना है. इसी के साथ जापान अंतरिक्ष में बोलने वाला रोबोट भेजने वाला विश्व का पहला देश बन गया.
नौ महीने से ज़्यादा समय तक किरोबो की विश्वसनीयता को परखने के लिए उस पर कई परीक्षण किए गए. किरोबो का एक जुड़वा रोबोट ‘मिराटा’ धरती पर है. मिराटा द्वारा अपने जोड़ीदार में अंतरिक्ष में होने वाली किसी भी इलेक्ट्रॉनिक गड़बड़ी पर नज़र रखी जानी है.
किरोबो को अंतरिक्ष में भेजने का उद्देश्य
किरोबो एक शोध का हिस्सा है जिसके तहत यह देखा जाना है कि लंबे समय तक अकेले रहने वाले लोगों को मशीनें किस तरह से भावनात्मक सहारा दे सकती हैं.
किरोबो
रोबोट किरोबो 34 सेंटीमीटर लंबा है और इसका रंग काला और सफेद है. इस छोटे से मानवरूपी रोबोट का वज़न करीब एक किलो है और यह कई तरह की शारीरिक हरकतें कर सकता है.
• इसके डिज़ाइन की प्रेरणा मशहूर एनिमेटेड कैरेक्टर एस्ट्रो बॉय से ली गई है.
• किरोबो नाम ‘उम्मीद’ और ‘रोबोट’ के लिए जापानी शब्दों से बनाया गया है.
• टोमोटाका टाकाहाशी, कार निर्माता टोयोटा और विज्ञापन कंपनी डेन्ट्सू ने संयुक्त रूप से रोबोट किरोबो व उसका साथी मिराटा बनाया है.
• यह दोनों रोबोट मनुष्य से बातचीत कर सकते हैं. इन दोनों रोबोट में आवाज पहचानने की क्षमता, चेहरा पहचाने की क्षमता है. इनमें कैमरा, मनुष्य के भाव कैद करने वाला सॉफ्टवेयर, बोलने के लिए यंत्र आदि लगे हैं.
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