अमेरिका में उत्तरी कैरोलिना के वेक फॉरेस्ट इंस्टीट्यूट फॉर रीजेनरेटिव मेडिसिन (Wake Forest Institute for Regenerative Medicine) के निदेशक प्रोफेसर एंटोनी अटाला की टीम ने विश्व की पहली कोशिका आधारित कृत्रिम मूत्र नलिका बनाने में सफलता पाई. प्रयोगशाला में बनाई गई ये मूत्र नलिकाएं (Urinary Tubes or Urethras) मरीजों की ही कोशिकाओं से बनाई गई हैं.
मैक्सिको के 10 से 14 साल के 5 बच्चे, जिनकी मूत्र नलिका दुर्घटना के कारण खराब हो गई थी, उनकी कोशिका से कृत्रिम मूत्र नलिका बनाई गई. फिर शल्य चिकित्सकों की सहायता से इन कोशिका आधारित कृत्रिम मूत्र नलिकाओं (Tissue Engineered Urinary Tubes or Urethras) को वापस मरीजों में लगा दी गई.
कोशिका आधारित थेरेपी से बनी कृत्रिम मूत्र नलिका के लगाने के उपरांत मरीजों को मूत्र विसर्जन में कोई दिक्कत नहीं आती है. इसके विपरीत कृत्रिम मूत्र नलिका में सफलता का प्रतिशत सिर्फ 50 फीसदी होता है. वेक फॉरेस्ट इंस्टीट्यूट फॉर रीजनरेटिव मेडिसिन के निदेशक प्रोफेसर एंटोनी अटाला ने कोशिका आधारित कृत्रिम मूत्र नलिका के आविष्कार की जानकारी मार्च 2011 के दूसरे सप्ताह में दी.
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