विश्व बैंक ने वित्त वर्ष 2012-2013 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया. पूर्व में इसके 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था. भ्रष्टाचार तथा नीतिगत मुद्दों पर अनिश्चितता को देखते हुए विश्व बैंक ने यह निर्णय 10 अक्टूबर 2012 को लिया.
वर्ल्ड बैंक की ओर से जारी इंडियन इकोनॉमिक अपडेट रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2011-2012 की चौथी तिमाही में विकास दर 5.3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2012-2013 की पहली तिमाही में 5.5 प्रतिशत रहने के बाद वर्ष 2012-2013 में भारत की वास्तविक जीडीपी 6 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
वर्ल्ड बैंक के अनुसार इस आर्थिक सुस्ती का कारण भारत की बुनियादी समस्याएं हैं. इनमें बिजली की समस्या, बिजली क्षेत्र का वित्तीय संकट, खनन और दूरसंचार क्षेत्र में छाए भ्रष्टाचार प्रमुख कारण हैं. विश्व बैंक ने खनन और जमीन अधिग्रहण से संबंधित कानूनों में प्रस्तावित बदलावों को लेकर निवेशकों में अनिश्चितता के माहौल को भी बड़ा कारण माना है.
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