विश्व बैंक समूह ने 27 अक्टूबर 2015 को "डूइंग बिजनेस 2016: मेजरिंग रेगुलेटरी क्वालिटी एंड एफिशिएंसी” शीर्षक से रिपोर्ट जारी की.
यह इस रिपोर्ट का 13वां संस्करण है. इस रिपोर्ट में विश्व के देशों की व्यावसायिक गतिविधि बढ़ाने और उसे बाधित करने वाले नियमनो का विश्लेषण किया गया है.
डूइंग बिज़नस रैंकिंग(नया व्यवसाय स्थापित करने में सुविधा) में भारत को 130वां स्थान प्राप्त हुआ है. जबकि इस रैंकिंग में शीर्ष स्थान सिंगापुर को प्राप्त हुआ है.
इस वर्ष इस रिपोर्ट में विश्व की 189 अर्थव्यवस्थाओं को शामिल किया गया है.
रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
• रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 में विश्व की 122 अर्थव्यवस्थाओं में उद्योगपतियों के लिए स्थानीय नियामक ढांचे में सुधार किया गया है.
• जून 2014 से जून 2015 के मध्य त्विश्व की 189 अर्थव्यवस्थाओं में 231 व्यापार सुधारों को अंकित किया गया.
• वर्ष 2014-15 में सबसे ज्यादा सुधार नियामक प्रक्रियाओं की जटिलता और लागत में कमी लाने के क्रम में किया गया है. इसके बाद करों के भुगतान, बिजली आपूर्ति और संपत्ति पंजीकरण में सुधर दर्ज किया गया है.
• रिपोर्ट के अनुसार कोस्टा रिका, युगांडा, केन्या, साइप्रस, मॉरिटानिया, उजबेकिस्तान, कजाकिस्तान, जमैका, सेनेगल और बेनिन 10 ऐसे देश हैं जिन्होंने वर्ष 2014 से 2015 के मध्य सबसे ज्याद सुधार किया.
• इन दस देशों ने समग्र रूप से 39 नियामक सुधार किए हैं.
• उप-सहारा अफ्रीका क्षेत्र में अकेले 30% नियामक सुधार हुए हैं.
रिपोर्ट में भारत
• भारत की स्टार्टिंग बिजनेस रैंकिंग 155 है. इसके अतिरिक्त निर्माण अनुमति के सन्दर्भ में 183वीं, बिजली आपूर्ति के सन्दर्भ में 70वीं, सम्पति पंजीकरण के मामले में 138वीं रैंकिंग है.
• भारत में प्रदत्त न्यूनतम पूंजी की आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया है और एक व्यवसाय को शुरू करने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया गया है. विदित हो मई 2015 से पहले भारत में स्थानीय सीमित देयता कंपनी( लोकल लिमटेड कम्पनी) स्थापित करने के लिए 100000 रुपए की राशि जमा करनी पड़ती थी.
• भारत में व्यापार संचालन शुरू करने के लिए एक प्रमाण पत्र की अनिवार्यता की समाप्ति को सुधार के रूप में महत्वपूर्ण अंग माना गया है.
• इसके अतिरिक्त भारत में दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में बिजली आपूर्ति में भारी सुधार हुआ है.
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