विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने अफ्रीकी देश गिनी को दिसंबर 2015 में इबोला मुक्त घोषित किया. डब्ल्यूएचओ के नियम के अनुसार, किसी देश में किस खास बीमारी के अंतिम पुष्ट मामले की दूसरी जांच में बीमारी का कोई चिन्ह न पाए जाने के बाद (क्रमशः दो बार) 21 दिन की अवधि पूरी होने के बाद उस देश को बीमारी से मुक्त घोषित कर दिया जाता है.
विदित हो कि दो साल पहले पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्र में घातक इबोला विषाणु की महामारी फैलने से 11000 से अधिक लोगों की जान चली गई थी. गिनी में गुएकडोउ ऐसा शहर था, जहां इस विषाणु का भारी प्रकोप था और गिनी इस विषाणु की श्रृंखला तोड़ने वाला अंतिम अफ्रीकी देश है. इस बीमारी ने लाइबेरिया, सियरालियोन और गिनी में 11,300 जिंदगियां लील लीं. अफ्रीका के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के क्षेत्रीय निदेशक डॉ मातशिडिसो मोइती ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि तीन देशों- गिनी, लाइबेरिया और सियरालियोन ने संक्रमण फैलने की मूल श्रृंखला को रोका है, जो दो साल पहले इस विनाशकारी महामारी के फैलने के लिए जिम्मेदार था.
इसके बाद हुए प्रयासों में गिनी ने 42 दिनों की अवधि सफलतापूर्वक पार कर ली और अब वह उच्च निगरानी के 90 दिनों के चरण में पहुंच चुका है जो यह सुनिश्चित करने के लिए नये मामले, यदि कोई हो, तो उसका अन्य लोगों में फैलने से पहले ही पता लगा लिया जाए.
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