विश्व स्तर पर बहुब्रांड रिटेल कारोबार करने वाली अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट ने भारत से जुड़े मुद्दों पर अमेरिकी नीति निर्धारकों के साथ लॉबिंग गतिविधियों को बंद कर दिया. वॉलमार्ट ने इससे पहले भारतीय खुदरा बाजार में प्रवेश पाने हेतु लगातार लगभग 5 वर्ष तक उनका समर्थन जुटाने के लिए लॉबिंग की थी.
वॉलमार्ट कंपनी ने यह खुलासा ऐसे समय में किया है जब भारत सरकार इस मुद्दे पर उसकी गतिविधियों के बारे में एक रिपोर्ट अगले महीने संसद में पेश करने वाली है.
वॉलमार्ट तथा इसके लिए लॉबिंग करने वाली पंजीकृत कम्पनियों की ओर से अमेरिकी सीनेट और प्रतिनिधि सभा में पेश की गई ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने 30 जून 2013 को समाप्त दूसरी तिमाही में विभिन्न लॉबिंग गतिविधियों पर लगभग 12 करोड़ रुपए खर्च किए. इस रिपोर्ट में जिन 3 दर्जन मुद्दों पर लॉबिंग की सूचना दी गई है उनमें भारत केंद्रित कोई मामला शामिल नहीं है.
विदित हो कि वॉलमार्ट भारत में बहुब्रांड खुदरा कारोबार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की सीमा 51 प्रतिशत कर दिए जाने के बाद से यहां अपने रिटेल स्टोर खोलने की कोशिश कर रही है, लेकिन इस संबध में उसकी ओर से अभी तक कोई प्रस्ताव नहीं आया है क्योंकि वह कथित तौर पर लाबिंग करने के विवाद मे फंस गई है. इसी वजह से वॉलमार्ट द्वारा भारत में भारती एंटरप्राइजेज के साथ साझा उपक्रम लगाने की योजना भी मुश्किल में पड़ गई है. प्रवर्तन निदेशालय को संदेह है कि कंपनी ने इस उपक्रम में पैसा लगाते समय विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनयम के प्रावधानों का उल्लंधन किया गया. इस मामले में भी कंपनी के खिलाफ जांच भी जारी है. वॉलमार्ट की भारतीय इकाई वॉलमार्ट इंडिया के अध्यक्ष राज जैन अपने पद से जून 2013 में इस्तीफा दिया था. राज जैन के स्थान पर कंपनी ने रामनिक नरसी को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया था.
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