श्रम अर्थशास्त्री डॉ टी.एस. पपोला का 23 नवम्बर 2015 को नई दिल्ली में निधन हो गया. वह 74 वर्ष के थे.
उन्होंने वर्ष 1987 से 1995 तक योजना आयोग के सलाहकार के रूप में कार्य किया.
टी.एस. पपोला के बारे में
• टी.एस. पपोला श्रम एवं रोजगार, औद्योगिक अर्थशास्त्र, विकास योजना, क्षेत्रीय विकास और उद्यम विकास के विशेषज्ञ थे.
• पपोला के पास शिक्षण, अनुसंधान और सलाहकार के रूप में 4 दशकों का अनुभव था.
• उन्होंने देश विदेश के कई विश्वविद्यालयों में अध्यापन किया. इनमें लखनऊ विश्वविद्यालय, मुंबई विश्वविद्यालय, आईआईएम अहमदाबाद और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय जैसे संस्थान शामिल हैं.
• पपोला ने राज्य और राष्ट्र स्तर पर गठित किए गए कई पैनेलों के सदस्य और अध्यक्ष के रूप में अपनी सेवा दी. इस क्रम में उन्होंने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम पर बनाई गई प्रधानमंत्री की सलाहकार परिषद में भी कार्य किया.
• इसके अतिरिक्त उन्होंने अंकटाड, आईएलओ, यूनिडो, यूएनडीपी और यूनिसेफ जैसे कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों में सलाहकार के रूप में कार्य किया.
• इसके अतरिक्त वह इंस्टिट्यूट फॉर स्टडीज इन इंडस्ट्रियल डेवेलपमेंट, नई दिल्ली के संस्थापक थे और इस संसथान में उन्होंने प्रोफेसर के रूप में भी अपनी सेवा दी.
• विकास अध्ययन के लिए गिरि संस्थान, लखनऊ के अध्यक्ष भी रहे.
• पपोला ने 14 किताबें और 80 शोध पत्रों का प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में लेखन किया.
• उन्हें वर्ष 1984 में अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए वीकेआरवी राव युवा सामाजिक वैज्ञानिक पुरस्कार और सामाजिक विज्ञान में योगदान के लिए वीकेआरवी राव लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, इसके अतिरिक्त वर्ष 2007 में यूपी-उत्तराखंड आर्थिक संघ द्वारा कौटिल्य पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया.
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