संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने 17 मार्च 2014 को अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (उनामा) अधिदेश एक और वर्ष के लिए 17 मार्च 2015 तक बढ़ा दिया. अधिदेश अफगानिस्तान में सुरक्षा, अभिशासन और विकास के संबंध में स्थानीय स्वामित्व और नेतृत्व पर संकेंद्रित है.
यूएनएससी द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति के अनुसार, 15-सदस्यीय परिषद ने न्यूयार्क-बैठक के दौरान सर्वसम्मति से इस आशय का एक संकल्प अपनाया कि मिशन अफगानिस्तान में अंतरराष्ट्रीय नागरिक प्रयासों का नेतृत्व और समन्वय करना जारी रखेगा, जिसमें 5 अप्रैल 2014 को होने वाले 2014 के राष्ट्रपति-चुनाव, 2015 के संसदीय चुनाव और भावी चुनाव-प्रक्रियाओं में सहायता शामिल है.
विदित हो कि अफगानिस्तान में 5 अप्रैल 2014 को निर्धारित राष्ट्रपति-चुनाव देश के तीसरे राष्ट्रपति-चुनाव हैं और हामिद करजई उसमें लड़ने के लिए पात्र नहीं हैं.
पृष्ठभूमि
संयुक्त राष्ट्र परिषद ने 2002 में शांति और विकास हासिल करने में अफगानिस्तान की मदद करने के लिए मिशन के रूप में एक संकल्प अपनाया था. उनामा के रूप में अपनाया गया यह संकल्प 19 मार्च 2014 को समाप्त होने जा रहा था, किंतु उसे अब 17 मार्च 2015 तक बढ़ा दिया गया है.
सुरक्षा परिषद का संकल्प अफगान सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र से वहनीय शांति और विकास की नींव रखने में देश की मदद करने के अनुरोध के बाद पारित किया गया था.
दूसरी ओर, अफगानिस्तान में 50 देशों के अंतरराष्ट्रीय बल का मिशन दिसंबर 2014 तक समाप्त हो जाएगा और तभी तक नाटो के नेतृत्व वाली विदेशी युद्धक सेनाएँ भी अफगानिस्तान को छोड़कर अपने-अपने देश लौट जाएँगी.


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