संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन का कार्यकाल 17 मार्च 2015 तक (एक वर्ष) बढ़ा दिया. अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन का कार्यकाल को बढ़ाने संबंधी निर्णय न्यूयॉर्क में सुरक्षा परिषद की बैठक में 18 मार्च 2014 को लिया गया. इस मिशन का कार्यकाल 19 मार्च 2014 को समाप्त होना है.
सुरक्षा परिषद की बैठक 15-सदस्यों वाली सुरक्षा परिषद ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें कहा गया है कि अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (युनामा), अफगानिस्तान में 2014 के राष्ट्रपति और प्रांतीय परिषद चुनावों और 2015 में होने वाले संसदीय चुनावों तथा चुनाव संबंधी भावी तैयारियों के साथ-साथ देश में तमाम अंतरराष्ट्रीय असैनिक गतिविधियों में अग्रणी भूमिका निभाने और तालमेल रखने की जिम्मेदारी निभाता रहेगा.
संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (युनामा)
अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (युनामा), विश्व संस्था का एक राजनीतिक मिशन है. इसका गठन सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान सरकार के अनुरोध पर वर्ष 2002 में देश में स्थायी शांति और विकास की बुनियाद रखने के लिए किया था. अफगानिस्तान की विभिन्न संस्थाओं को सुदृढ़ करने में युनामा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. देश में संयुक्त राष्ट्र का एक और मिशन इस साल के अंत तक पूरा होने को है. इसके तहत 50 देशों की अंतरराष्ट्रीय सेना वर्ष 2002 से अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष करने के बाद, दिसंबर 2015 में वापस लौटने की तैयारी कर रही है.
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