संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने 20 जुलाई 2015 को सर्वसम्मति से प्रस्ताव संख्या 2231 (2015) को मंजूरी प्रदान की.
इस प्रस्ताव के अनुसार ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए एक निगरानी प्रणाली स्थापित की जाएगी.
इस संकल्प को मंजूरी मिलने के बाद ईरान के खिलाफ लगाए गए सभी परमाणु संबंधी प्रतिबंधों को हटाने का रास्ता साफ हो गया है. इसके अतिरिक्त समझौते के तहत अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेन्सी, संयुक्त विस्तृत कार्रवाई योजना (जेसीपीओए) के अंतर्गत की गई प्रतिबद्धता की जाँच करेगी.
इस प्रस्ताव के पक्ष में सुरक्षा परिषद के सभी पाँच स्थाई सदस्य देशों यानी ब्रिटेन, रूस, चीन, अमरीका और फ़्राँस तथा दस अस्थाई सदस्य देशों ने मतदान किया.
परिषद द्वारा संकल्प को मंजूरी प्रदान करने से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर संयुक्त विस्तृत कार्रवाई योजना (जेसीपीओए) का कार्यान्वयन सुनिश्चित हो गया.
ईरान के साथ समझौता 14 जुलाई 2015 को वियना, आस्ट्रिया में हुआ था. समझौते के तहत ईरान ने किसी भी परिस्थिति में परमाणु हथियार ना विकसित करने पर सहमती दी थी.
इस प्रस्ताव के अनुसार दस साल बाद ईरान पर लगे सभी प्रतिबन्ध हटा लिए जाएँगे, यदि ईरान अन्तरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेन्सी के नियन्त्रण में सभी शर्तों पर अमल करेगा.
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