मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 23 नवम्बर 2015 को संस्कृत संवर्धन पर अपनी अनुशंसा देने के लिए 13 सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया. इस समिति की अध्यक्षता पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन. गोपालस्वामी को सौंपी गई है. वह वर्तमान में तिरुपति की राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ के कुलपति हैं.
इस समिति के अन्य सदस्यों के रूप में नीति आयोग के सदस्य बिबेक देवरॉय, भारत सरकार के पूर्व सचिव वीवी भट्ट, नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. रामदोराई, दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रमेश भारद्वाज, यूजीसी चेयरमैन वेद प्रकाश और आरएसएस से जुडे संस्कृ्त भारती के सीके शास्त्री शामिल हैं.
समिति के मुख्य कार्य
• यह समिति ऐसे सुझाव देगी जिनके मध्यम से गणित, भौतिकी, रसायन, मेडिकल साइंस और कानून जैसे विषयों को संस्कृत में पढ़ाया जा सके.
• इसके अतिरिक्त स्कूलों और विश्वरविद्यालयों में संस्कृत पढ़ाए जाने तरीकों में बदलाव से जुड़े सुझाव भी समिति से मांगे गए हैं.
• समिति को यह भी सुझाव देना है कि अगले दस वर्षों में संस्कृत को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है.
• इस समिति को अगले तीन माह में अपनी रिपोर्ट जारी करनी है.
यह केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित, भारतीय शास्त्रीय भाषा संस्कृत को समर्पित दूसरी समिति है. इससे पूर्व यूपीए-2 सरकार के कार्यकाल में सत्यव्रत शास्त्री की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई थी.
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