कैनबरा में स्थित ऑस्ट्रेलिया नेशनल विश्वविद्यालय (एएनयू) के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन में पाया कि पिछले 6000 वर्षों में किसी भी सदी की तुलना में समुद्र के जल स्तर पिछले सदी में अधिक वृद्धि हुई. विश्व भर में बर्फ की मात्रा में परिवर्तन के आधार पर, पिछले 35000 वर्षों में समुद्र स्तर की अस्थिरता को देखकर यह दल इस निष्कर्ष पर पंहुचा हैं.
दल ने अपने अध्ययन में यह पाया हैं की समुद्र के स्तर में 20वीं सदी की शुरुआत के बाद से 20 सेमी की वृद्धि हुई हैं जो एक सीमा तक वैश्विक तापन और ध्रुवीय बर्फ के पिघलने की वजह से हुई. वैज्ञानिकों ने दावा किया की समुद्र का जल स्तर हजारों वर्षों से स्थिर बना हुआ था लेकिन वैश्विक औद्योगीकरण के बाद से, पिछले 150 वर्षों में इसमें तेजी से वृद्धि दर्ज की गई.
एएनयू से प्रोफेसर कर्ट लेमबेक ने कहा की ज्वार गेज से वर्तमान आंकड़ों की तुलना ऐतिहासिक आंकड़ों के साथ करने से हाल के दिनों में समुद्र का स्तर बढ़ने की बढ़ती हुई दर से पता चलता है.
अनुसंधान का आधार
वैज्ञानिकों का यह दल ब्रिटेन, उत्तर अमेरिका, ग्रीनलैंड और सेशेल्स से 1000 प्राचीन तलछट के नमूनों का अध्ययन करने के बाद अपने निष्कर्ष पर पहुंचा. इन अवसादों को पिछले दो दशकों में एकत्र किया गया और अपने अध्ययन में वैज्ञानिकों ने जलमग्न अवसादों जिनमें, वृक्ष की जड़ें और घोंघे के जीवाश्म रिकॉर्ड पिछले समुद्र स्तर को निर्धारित करने के लिए मापा गया था सम्मिलित हैं. इस अध्ययन को 12 सितंबर 2014 को प्रोसीडिंग्स ऑफ़ दा नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (पीएनएएस) में प्रकाशित किया गया.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation