सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के आठ नये प्रस्तावों को 3 जुलाई 2013 को मंजूरी दी. इस सभी प्रस्तावों की कुल राशि 1311.54 करोड़ रुपये है.
विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की सिफारिशों के आधार पर दी गयी मंजूरी में सबसे प्रमुख नार्वे की दूरसंचार कंपनी टेलीनॉर है जिसके रुपये 1000 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी.
इसी प्रकार महाले होल्डिंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का रुपये 280 करोड़ रुपये का प्रस्ताव अनुमोदित प्रस्तावों में दूसरा सबसे बड़ा है.
विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (Foreign Investment Promotion Board, FIPB)
विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से जुड़े उन प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए एक सिगल विंडो का काम करता है जिन पर सीधे तौर पर एफडीआई की स्वीकृति नहीं होती. एफआईपीबी में विभिन्न मंत्रालय के सचिवों के साथ-साथ आर्थिक मामलों के विभाग एवं वित्त मंत्रालय के सचिव अध्यक्ष के रूप में होते हैं. यह अंतरमंत्रालीय निकाय देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश से संबंधित प्रस्तावों पर चर्चा, उच्चतम सीमा, कारकों पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के तहत करता है. वित्त मंत्रालय एफआईपीबी के अधिकतम 1200 करोड़ रुपये तक के प्रस्तावों पर की गई सिफारिशों को मंजूरी प्रदान करता है. ऐसे प्रस्तावों जिनका मूल्य 1200 करोड़ रुपये से अधिक होता है उनके लिए आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति (Cabinet Committee on Economic Affairs-CCEA) की स्वीकृति लेनी होती है.
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