सरदार वल्लभ भाई पटेल की 139वीं जयंती के उपलक्ष्य में 31 अक्टूबर 2014 को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया गया. केन्द्र सरकार द्वारा 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मानाने का निर्णय शत्रुओं को भारत की शक्ति को दिखाने के लिए किया गया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस दिन का उद्घाटन किया गया. उन्होंने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किये और नई दिल्ली में एकता के लिए दौड़ (रन फॉर यूनिटी) के आयोजन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. 'रन फॉर यूनिटी' कार्यक्रम भारत को एकजुट करने के लिए सरदार पटेल द्वारा किए गए प्रयासों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के माध्यम रूप में एक महत्वपूर्ण आकर्षण रहा. पूरे देश में इस अवसर पर राष्ट्रव्यापी मैराथन दौड़ का आयोजन किया गया .
इस अवसर के दौरान प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रशंसा की जिनको भारत के लौह पुरुष के रूप में जाना जाता हैं , उन्होंने 'एक भारत और श्रेष्ठ भारत बनाने की दिशा में काम करने के लिए लोगों से अनुरोध किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी उन की पुण्य तिथि पर याद किया जिनकी हत्या उनके अंगरक्षकों द्वारा 31 अक्तूबर को 30 साल पहले कर दी गई थी.
वल्लभभाई पटेल के बारे में
•वल्लभभाई पटेल का जन्म गुजरात में करमसाड में 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था.
•वह एक प्रसिद्ध बैरिस्टर थे, जिन्होंने लंदन में अध्ययन किया और गुजरात के गोधरा, बोरसाद और आनंद जैसे स्थानों पर अपनी वकालत की .
•उन्होंने गुजरात में खेड़ा,बोरसाद और बारदोली में किसान आंदोलनों में नेतृत्व प्रदान करके महत्वपूर्ण भूमिका निभायी और ब्रिटिश राज के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन में साहस के साथ स्वयं को प्रस्तुत किया.
•वह महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में शामिल हुए और इसके बड़े नेताओं की पंक्ति में अपना स्थान बनाया .
•वह भारत के पहले गृह मंत्री और उप प्रधानमंत्री थे.
•उनको स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के अंतर्गत वर्ष 1947-49 में ब्रिटिश औपनिवेशिक प्रांतों में से 500 से अधिक स्वतंत्र रियासतों के एकीकरण करने का श्रेय दिया जाता है.
•उनको भारत के बिस्मार्क और लौह पुरुष के रूप में जाना जाता है इतना ही नहीं उनको आधुनिक अखिल भारतीय सेवाओं की स्थापना के लिए भारत के लोक सेवकों के संरक्षक संत रूप में भी याद किया जाता है.
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