मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री ने “साइंस इन इंडिया (2004-13): डिकेड ऑफ अचीवमेंट्स एण्ड राइजिंग एस्पीरेशंस” नामक पुस्तक का 08 जुलाई 2013 विमोचन किया. इस पुस्तक को प्रधानमंत्री की वैज्ञानिक परामर्श परिषद (Scientific Advisory Council) ने तैयार किया है. इस पुस्तक में भारत में पिछले एक दशक में वैज्ञानिक प्रगति का वर्णन एवं उनके माध्यम से महत्वपूर्ण उपलब्धियों का उल्लेख है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने इस दौरान वैज्ञानिक समुदाय का आह्वान करते हुए देश में व्याप्त राष्ट्रीय समस्याओं जैसे अनाज, उर्जा, पोषण और जल की समस्या के व्यावहारिक समाधान ढूढने को कहा.
प्रधानमंत्री ने पुस्तक के विमोचन के बाद वैज्ञानिक परामर्श परिषद के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने पिछले एक दशक में विज्ञान के उपयोग के माध्यम से भारत के दीर्घ-कालिक आर्थिक एवं सामाजिक परिवर्तनों को प्रेरित किया है. इनमे से कई कदम वैज्ञानिक परामर्श परिषद के सुझावों एवं प्रतिक्रियाओं के अनुसार लिये गए, जिनमे से कुछ प्रमुख हैं – पांच नये भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (Indian Institute of Science Education and Research, IISER), आठ नये भारतीय प्रद्यौगिकी संस्थान (Indian Institute of Technology, IIT) तथा उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में कई अत्याधुनिक केंद्र.
प्रधानमंत्री ने यह भी अवगत कराया कि राष्ट्रीय विज्ञान क्षेत्र (National Science Sector) के विकास हेतु वैज्ञानिक परामर्श परिषद ने एक दृष्टि पत्र (vision document) तथा कार्य-सूची (roadmap) भी तैयारी कर ली है, जिस पर क्रियान्वयन अगले कुछ वर्षों के दौरान किया जाना है.
केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2013 में ही घोषित नई विज्ञान, तकनीक तथा अनुसंधान नीति (Science, Technology and Innovation Policy) के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस नीति का उद्देश्य भारत को विज्ञान के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्वकर्ता बनाना है. इस उद्देश्य की पूर्ती हेतु प्रधानमंत्री के कहा कि हमे योग्यता की नियमित आपूर्ती करने की आवश्यकता है. हमे योग्यताओं की पहचान एवं प्रेरण हेतु सशक्त तथा उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक तथा वैज्ञानिक संस्थानों की अत्यन्त आवश्यकता है. हमे एक ऐसे तंत्र की आवश्यकता है जिसमें आर्थिक प्रगति एवं सम्पन्नता की दिशा में आगे बढ़ने तथा हमारे नागरिकों की समस्याओं को हल करने के लिए वैज्ञानिक ज्ञान का अनुप्रयोग को बिना रूकावट समाहित किया जा सके.
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