अमेरिका की सरकारी शोध संस्था ‘सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस’ (सीएपी) ने अप्रैल 2014 के चौथे सप्ताह में जारी अपने रिपोर्ट में भारतीय-अमेरिकियों को अमेरिका का तीसरा सबसे बड़ा एशियाई समुदाय घोषित किया.
सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस (सीएपी) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका में भारतीय मूल के अमेरिकियों की संख्या वर्तमान में 33.4 लाख है. इसके अनुसार, भारतीय-अमेरिकियों का यह समुदाय अमेरिका में चीन और फिलीपींस के बाद तीसरा सबसे बड़ा एशियाई समुदाय है.
सीएपी रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में अमेरिका में चीनी मूल के लोगों की आबादी 41 लाख (22 प्रतिशत) है, जबकि फिलीपींस मूल के लोगों की आबादी 35.9 लाख (19 प्रतिशत) और भारतीय अमेरिकियों की आबादी 18 प्रतिशत है.
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2000 से 2012 के बीच भारतीय-अमेरिकी लोगों की आबादी 76 प्रतिशत बढ़ी, जबकि इस दौरान फिलीपींस मूल के अमेरिकियों की आबादी 52 प्रतिशत बढ़ी. एशियाई अमेरिकियों की कुल आबादी में 85 प्रतिशत योगदान करने वाले प्रथम शीर्ष 6 समूहों में चीनी, फिलीपींस के लोग, भारतीय, वियतनामी, कोरियाई व जापानी हैं.
सीएपी रिपोर्ट के अनुसार एशियाई अमेरिकी आबादी का 56 प्रतिशत पांच प्रांतों कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क, टेक्सास, न्यूजर्सी व हवाई में रहते है. वहीं सर्वाधिक 19 प्रतिशत एशियाई अमेरिकी कैलिफोर्निया, 12 प्रतिशत न्यूयॉर्क और 10 प्रतिशत न्यूजर्सी में बसे हैं. भारतीय अमेरिकियों में सर्वाधिक 51 प्रतिशत की तादाद हिंदुओं की है. इसके अतिरिक्त 18 प्रतिशत क्रिश्चियन, 10 प्रतिशत मुस्लिम, 5 प्रतिशत सिख, 2 प्रतिशत जैन और 1 प्रतिशत बौद्ध भारतीय अमेरिका में बसे हैं. रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि बांग्लादेशी अमेरिकियों जैसे छोटे समुदायों की संख्या में वर्ष 2000 से वर्ष 2010 के बीच 177 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.

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