सात महीने के राजनीतिक गतिरोध के बाद सीपीएन-यूएमएल के नेता झालनाथ खनाल नेपाल के 34वें प्रधानमंत्री निर्वाचित हुए. 3 फरवरी 2011 को नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी(सीपीएन-यूएमएल) के नेता झालनाथ खनाल को 601 सदस्यीय संसद में पड़े कुल 557 वोटों में से 368 वोट मिले. इनको नेपाली संसद की सबसे बड़ी पार्टी एकीकृत नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (यूसीपीएन) माओवादी का समर्थन प्राप्त था. यूसीपीएन के उम्मीदवार पुष्प कमल दहल उर्फ प्रचंड ने अंतिम समय में प्रधानमंत्री पद की दौड़ से अपना नाम वापस ले लिया. ससंद में यूसीपीएन के 238 सांसद और सीपीएन-यूएमएल के पास 108 सांसद हैं. नेपाली संसद में झालनाथ खनाल की सीपीएन-यूएमएल तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. वर्ष 2008 में राजशाही शासन की समाप्ति के बाद खनाल नेपाल के तीसरे कम्युनिस्ट प्रधानमंत्री बने. खनाल 16 फरवरी 2009 को कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल के अध्यक्ष चुने गए थे.
झालनाथ खनाल के अतिरिक्त नेपाली कांग्रेस के राम चंद्र पौडयाल और मधेशी पीपुल्स राइट्स फोरम डेमोक्रेटिक के विजय गछादर प्रधानमंत्री पद के अन्य उम्मीदवार थे. राम चंद्र पौडयाल को 122 मत और विजय गछादर को 67 मत मिले. संसद में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के 114 सांसद हैं.
विदित हो कि 30 जून 2010 से माधव कुमार नेपाल के माओवादी के दबाव में आकर अपने पद से इस्तीफा देने के बाद नेपाल में कोई सक्रिय सरकार नहीं बन पाई थी.
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