स्फटिक लगे तांबे के ताज वाली मानव खोपड़ी अगस्त 2014 के पहले सप्ताह में उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के चंदयान गांव में पाई गई. यह ताज 18 सेंटीमीटर लंबा और 13 सेंटीमीटर चौड़ा है.
ताज का अर्द्ध कीमती पत्थर – स्फटिक के मोती, हड़प्पा संस्कृति से जुड़े हैं. यह दुर्घटनावश हुई खोज है, हालांकि, किभी भी सिंधु घाटी सभ्यता के स्थल पर कोई भी ताज आज तक बरामद नहीं हुआ है.
इसके अलावा, मिट्टी के बरतनों के कुछ टुकड़े भी वहां से प्राप्त हुए हैं. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस प्रकार के ताज का इस्तेमाल हड़प्पा सभ्यता की महिलाएं अपनी खूबसूरती बढ़ाने के लिए किया करती होंगी या यह किसी आदिवासी समूह के नेता का होगा.
हालांकि, इस स्थल से प्राप्त सामग्री के हड़प्पा युग से जुड़े होने की बात का पता तो अन्य हड़प्पा स्थलों से प्राप्त सामग्रियों के साथ गहन सर्वेक्षण के बाद ही चलेगा. सर्वेक्षण की योजना के मुताबिक एएसआई जल्द ही इस स्थल पर परीक्षण हेतु खुदाई कार्य शुरु करेगा.
इस इलाके और आसपास के इलाकों में ऐसी अन्य खोजें
वर्ष 2005 में एक खुदाई के दौरान एएसआई को तांम्र युग की ऐसी ही चीजें सिनौली गांव (चंदयान गांव से बीस किलोमीटर दूर) की एक प्राचीन कब्रगाह से मिली थीं लेकिन उनमें ताज नहीं था.

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