भारत सरकार ने हर्ष कुमार भनवाला (एचके भनवाला) को राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (National Bank for Agriculture and Rural Development, नाबार्ड) का अध्यक्ष (Chairman, चेयरमैन) 13 दिसंबर 2013 को नियुक्त किया. हर्ष कुमार भनवाला ने सितंबर 2013 में सेवानिवृत्त हुए डॉ प्रकाश बक्शी का स्थान लिया. हर्ष कुमार भनवाला का कार्यकाल पांच वर्ष का है.
डॉ प्रकाश बक्शी के सेवानिवृत्त होने के बाद से केन्द्रीय वित्त मंत्रालय में वित्तीय सेवा विभाग में अतिरिक्त सचिव स्नेहलता श्रीवास्तव नाबार्ड के अध्यक्ष पद का अतिरिक्त प्रभार संभाल रही थीं.
नाबार्ड का अध्यक्ष नियुक्त होने पूर्व भनवाला इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस कंपनी (आईआईएफसीएल) में कार्यकारी निदेशक रहे. आईआईएफसीएल का कार्यकारी निदेशक नियुक्त होने से पहले वह आईआईएफसीएल में मुख्य महाप्रबंधक थे.
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (National Bank for Agriculture and Rural Development)
शिवरामन समिति (Shivaraman Committee) की सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की स्थापना राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक अधिनियम 1981 को लागू करने के लिए संसद के एक अधिनियम के द्वारा 12 जुलाई 1982, को की गयी थी. नाबार्ड का मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में अवस्थित है.
नाबार्ड ने कृषि ऋण विभाग (एसीडी, ACD) एवं भारतीय रिजर्व बैंक के ग्रामीण योजना और ऋण प्रकोष्ठ (रुरल प्लानिंग एंड क्रेडिट सेल,आरपीसीसी RPCC) तथा कृषि पुनर्वित्त और विकास निगम (एआरडीसी, ARCD) को प्रतिस्थापित कर अपनी जगह बनाई. यह ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण उपलब्ध कराने के लिए प्रमुख एजेंसियों में से एक है.
नाबार्ड की भूमिका
नाबार्ड निम्नलिखित भूमिकाओं का निर्वाहन करता है.
• ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए जो संस्थान निवेश और उत्पादन ऋण उपलब्ध कराते हैं उनके वित्तपोषण की एक शीर्ष एजेंसी के रूप में यह कार्य करता है.
• ऋण वितरण प्रणाली की अवशोषण क्षमता के लिए संस्थान के निर्माण की दिशा में उपाय करता है, जिसमे निगरानी, पुनर्वास योजनाओं के क्रियान्वयन, ऋण संस्थाओं के पुनर्गठन, कर्मियों के प्रशिक्षण में सुधार, इत्यादि शामिल हैं.
• सभी संस्थाएं जो मूलतः जमीनी स्तर पर विकास में लगे काम से जुडी हैं, उनकी ग्रामीण वित्तपोषण की गतिविधियों के साथ समन्वय रखता है, तथा भारत सरकार, राज्य सरकारों, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई (RBI)) एवं नीति निर्धारण के मामलों से जुडी अन्य राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं के साथ तालमेल बनाए रखता है.
• यह अपनी पुनर्वित्त परियोजनाओं की निगरानी एवं मूल्यांकन का उत्तरदायित्व ग्रहण करता है.
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