प्रसिद्ध हिंदी लेखक डॉ कमल किशोर गोयनका को 22 सितंबर 2015 को वर्ष 2014 के लिए 24वें व्यास सम्मान से पुरस्कृत किया गया. उन्हें उनकी रचना ‘प्रेमचंद की कहानियों का काल क्रमानुसार अध्ययन’ के लिए सम्मानित किया गया.
गोयनका का कार्य हिंदी साहित्य के महान लेखक मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखी गयी रचनाओं का एक महत्वपूर्ण विश्लेषण है.
उन्हें हिंदी के जाने-माने लेखक प्रोफेसर विश्वनाथ प्रसाद तिवारी द्वारा 2.5 लाख रुपये की नगद राशि तथा एक प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया.
व्यास सम्मान
• यह पुरस्कार वर्ष 1991 में के के बिड़ला फाउंडेशन द्वारा आरंभ किया गया. यह पिछले 10 वर्षों के दौरान हिंदी में प्रकाशित उत्कृष्ट साहित्यिक कार्यों के लिए दिया जाता है.
• राम विलास शर्मा इस पुरस्कार को प्राप्त करने वाले पहले लेखक थे जिन्होंने ‘भारत के प्राचीन भाषा परिवार और हिंदी’ के लिए वर्ष 1991 में यह पुरस्कार प्राप्त किया.
• विश्वनाथ त्रिपाठी ने वर्ष 2013 में यह पुरस्कार हिंदी साहित्य जगत के विद्वान आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की जीवनी ‘व्योमकेश दरवेश’ के लिए यह पुरस्कार प्राप्त किया. वर्ष 2012 में नरेंद्र कोहली को ‘ना भूतो ना भविष्यति’ के लिए सम्मानित किया गया एवं वर्ष 2011 में रामदरश मिश्रा को उनकी कविता संग्रह ‘आम के पत्ते’ के लिए सम्मानित किया गया.
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